बिलासपुर: डॉक्टर सीवी रमन यूनिवर्सिटी द्वारा बिना अनुमति डिग्री जारी करने से संबंधित दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गई. हाईकोर्ट एक्टिंग चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने बार-बार जवाब पेश करने को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि सप्ताह में उत्तरवादी जवाब पेश नहीं करेंगे तो उन सभी उत्तरवादियों को याचिकाकर्ता को एक-एक लाख का हर्जाना देना होगा.
डॉ. आरती सिंह ने अपने अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बताया है कि डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय ने विभिन्न विषयों में बिना अनुमति डिग्री जारी की है. फर्जी अंक सूची बनाने और मृत व्यक्ति के नाम से मार्कशीट जारी किये जाने का भी उल्लेख इस याचिका में की गई है.
पिछले सुनवाई में मामले की सुनवाई करते हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय को भी नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की थी कि तत्काल विश्वविद्यालय को राज्य सरकार के अधीन हस्तांतरित करें और फर्जी डिग्री का रैकेट के विरूद्ध एसआईटी गठित कर जांच कराएं.
साथ ही याचिका में बताया गया है कि गुजरात सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए लिखा था. लेकिन उक्त रिपोर्ट पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं की है जो संदेह उत्पन्न करती है.
इसलिए सीबीआई अथवा अन्य निष्पक्ष जांच एजेंसी से पूरे मामले की जांच कराए. इस पर आज की सुनवाई में भी उत्तरवादियों का जवाब नहीं आने पर याचिकाकर्ता के एडवोकेट रोहित शर्मा ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. जिस पर हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए 4 सप्ताह में जवाब न आने पर याचिकाकर्ता को एक-एक लाख का हर्जाना देने का बड़ा आदेश दिया है.