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बिलासपुर: अरपा नदी उद्गम स्थल मामले में HC में हुई सुनवाई

अरपा उद्गम स्थल मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें सरकार ने उच्च न्यायालय को 6 सदस्यों के नाम एक्सपर्ट कमेटी के लिए सौंपा है.

Hearing in the High Court in the Arpa River Point of Origin
अरपा नदी उद्गम स्थल मामले में HC में हुई सुनवाई
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Published : Mar 13, 2020, 7:13 PM IST

Updated : Mar 13, 2020, 7:27 PM IST

बिलासपुर: पेंड्रा स्थित अरपा नदी के उद्गम स्थल पर अतिक्रमण को हटाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान शासन की ओर से 6 लोगों के नाम एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों के तौर पर प्रस्तुत किए गए. सरकार की ओर से गुरुवार को 6 नाम देने के बाद अब कुल 12 लोग इस एक्सपर्ट कमेटी का हिस्सा बनेंगे. पहले भी हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए विशेषज्ञों की एक्सपर्ट कमेटी बनाने का आदेश जारी किया था.

अरपा नदी उद्गम स्थल मामले में HC में हुई सुनवाई

मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि कमेटी अगली सुनवाई से पहले मीटिंग अरेंज कर अरपा उद्गम स्थल के पुनर्वास व अरपा नदी के बहाव को कैसे बढ़ाया जाए. इसका एक्शन प्लान तैयार करें. कोर्ट ने आगे अपने आदेश में कहा है कि 'एक्सपर्ट कमेटी को अगली सुनवाई में मीटिंग में तय किए गए अपने एक्शन प्लान को प्रस्तुत करना होगा.

विशेषज्ञों की एक्सपर्ट कमेटी बनाने का आदेश जारी

दरअसल, हाईकोर्ट ने अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों को कमेटी का हिस्सा बनाने का आदेश जारी किया था. कमेटी में सीएमडी कॉलेज के भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉ.पी एल चंद्राकर के नाम शुरू से ही शामिल कर लिया गया था. मामले में कोर्ट ने शासन से भी कमेटी के सदस्यों के नाम देने को कहा था. जिन 6 लोगों के नाम सरकार ने कोर्ट को दिए हैं, जिनमें से डॉ. भार्गव आयंगर एनआईटी प्रोफेसर, डॉ. प्रमोद अहिरवार प्रोफेसर पेंड्रा, अमलेंद्र मिश्रा सदस्य छत्तीसगढ़ वन्यजीव बोर्ड, जनकराम वर्मा वैज्ञानिक केंद्रीय भूगर्भ जल मंडल, आर.के. मिश्रा वनमंडलाधिकारी मरवाही, नीरज तिवारी सदस्य राज्य जैव विविधता समिति शामिल है.

उद्गम स्थल पर अतिक्रमण हटाने की मांग

बता दें कि अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला ने पेंड्रा के अमरपुर स्थित अरपा नदी के उद्गम स्थल पर अतिक्रमण हटाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की है. अरविंद शुक्ला ने अपनी याचिका में कहा है कि 'अरपा नदी के उद्गम स्थल पर अतिक्रमण होने से नदी का जीवन नष्ट हो रहा है. उद्गम स्थल पर लोगों ने 18 से ज्यादा बोरवेल लगा दिए हैं, जिससे नदी नष्ट हो रही है.

बिलासपुर: पेंड्रा स्थित अरपा नदी के उद्गम स्थल पर अतिक्रमण को हटाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान शासन की ओर से 6 लोगों के नाम एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों के तौर पर प्रस्तुत किए गए. सरकार की ओर से गुरुवार को 6 नाम देने के बाद अब कुल 12 लोग इस एक्सपर्ट कमेटी का हिस्सा बनेंगे. पहले भी हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए विशेषज्ञों की एक्सपर्ट कमेटी बनाने का आदेश जारी किया था.

अरपा नदी उद्गम स्थल मामले में HC में हुई सुनवाई

मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि कमेटी अगली सुनवाई से पहले मीटिंग अरेंज कर अरपा उद्गम स्थल के पुनर्वास व अरपा नदी के बहाव को कैसे बढ़ाया जाए. इसका एक्शन प्लान तैयार करें. कोर्ट ने आगे अपने आदेश में कहा है कि 'एक्सपर्ट कमेटी को अगली सुनवाई में मीटिंग में तय किए गए अपने एक्शन प्लान को प्रस्तुत करना होगा.

विशेषज्ञों की एक्सपर्ट कमेटी बनाने का आदेश जारी

दरअसल, हाईकोर्ट ने अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों को कमेटी का हिस्सा बनाने का आदेश जारी किया था. कमेटी में सीएमडी कॉलेज के भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉ.पी एल चंद्राकर के नाम शुरू से ही शामिल कर लिया गया था. मामले में कोर्ट ने शासन से भी कमेटी के सदस्यों के नाम देने को कहा था. जिन 6 लोगों के नाम सरकार ने कोर्ट को दिए हैं, जिनमें से डॉ. भार्गव आयंगर एनआईटी प्रोफेसर, डॉ. प्रमोद अहिरवार प्रोफेसर पेंड्रा, अमलेंद्र मिश्रा सदस्य छत्तीसगढ़ वन्यजीव बोर्ड, जनकराम वर्मा वैज्ञानिक केंद्रीय भूगर्भ जल मंडल, आर.के. मिश्रा वनमंडलाधिकारी मरवाही, नीरज तिवारी सदस्य राज्य जैव विविधता समिति शामिल है.

उद्गम स्थल पर अतिक्रमण हटाने की मांग

बता दें कि अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला ने पेंड्रा के अमरपुर स्थित अरपा नदी के उद्गम स्थल पर अतिक्रमण हटाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की है. अरविंद शुक्ला ने अपनी याचिका में कहा है कि 'अरपा नदी के उद्गम स्थल पर अतिक्रमण होने से नदी का जीवन नष्ट हो रहा है. उद्गम स्थल पर लोगों ने 18 से ज्यादा बोरवेल लगा दिए हैं, जिससे नदी नष्ट हो रही है.

Last Updated : Mar 13, 2020, 7:27 PM IST
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