बिलासपुर: क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती और डॉ. भंवर सिंह पोर्ते की पुण्यतिथि पर जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके,केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष नंदकुमार साय और पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल शामिल हुए. इस अवसर पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि, 'मेरा सौभाग्य है कि मैं छत्तीसगढ़ की राज्यपाल हूं जो डॉक्टर भंवर सिंह पोर्ते की कर्मभूमि और जन्मभूमि है'.
'आदिवासियों के साथ होगा न्याय'
वहीं राज्यपाल ने कहा कि, 'एक आदिवासी महिला को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया गया जिसके लिए मैं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करती हूं'. उन्होंने कहा कि, 'संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को सुरक्षित अधिकार दिया गया है'. जिसके तहत मैं कोशिश करूंगी कि आदिवासियों के साथ अन्याय न हो उन्हें न्याय मिले.' राज्यपाल ने कहा कि इस मसले पर मुख्यमंत्री से उनकी चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि 'आजादी के 70 साल बाद प्रदेश के जिन इलाकों का विकास नहीं हुआ है उस पर खास ध्यान दिया जाएगा'
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वहीं अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने कहा कि जनजाति समाज के लोगों को संगठित करने का काम किया जा रहा है. 72 सालों में जनजाति समाज का बस्तर इलाके में सर्वे नहीं हो पाया है. इन क्षेत्रों में बहुत काम करना बाकी है. जनजाति समाज को संगठित कर एक नए भारत का निर्माण करना है.