बिलासपुर: जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन के लिखित आदेश के बाद पेंड्रा और गौरेला इलाके में किसानों को नकदी में उर्वरक खाद मिलना बंद हो गया है. आदेश के बाद समिति संचालकों ने किसानों को नकद में खाद देना बंद कर दिया है. जिससे किसान परेशान नजर आ रहे हैं. यह समय ऐसा समय है जब फसल को सबसे ज्यादा खाद की जरूरत होती है.
इस संबंध में बैंक प्रबंधन का कहना है कि नकद बिक्री से प्रति टन 11 रुपए का नुकसान हो रहा है, इसलिए वे नकद बिक्री नहीं कर सकते. प्रधान कार्यालय से आए आदेश को समिति संचालकों ने दीवार पर चस्पा कर रखा है, ताकि यहां आने वाले किसान इससे जानकारी ले लें. धान की फसलों की रोपाई के बाद खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए इस समय पर रसायनिक खाद की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. उर्वरक के छिड़काव से पौधों में नई जान आ जाती है और धान का उत्पादन अच्छा होता है.
किसानों को आधार कार्ड दिखाकर ही दिया जाएगा खाद
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अपने अधीनस्थ आने वाले सभी शाखा के समितियों को एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत अब किसानों को उर्वरक खाद नकद में नहीं मिलेगी. 6 अगस्त को जारी किए गए इस आदेश के बाद अब सहकारी समितियों ने किसानों को नकद खाद भेजना बंद कर दिया है. इसमें किसानों को अपना आधार कार्ड दिखाकर ही जरूरी यूरिया, डीएपी, एनपीए और पोटाश जैसी जरूरी उर्वरक दी जाएंगी.
सरकारी आदेश के अनुसार किया जा रहा काम
समिति संचालक का कहना है कि किसानों को उनके आधार कार्ड की एंट्री करके ही उनके मांग के मुताबिक खाद दे दिया करते थे. उनका कहना है कि अब इस आदेश के बाद उनके हाथ बंधे हुए हैं. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के नोडल ऑफिसर का कहना है कि सरकारी आदेश के अनुसार खाद निर्धारित मूल्य से ज्यादा मूल्य पर नहीं बेची जा सकती.
किसान और समिति संचालक परेशान
जिला सहकारी बैंक के इस आदेश के बाद न सिर्फ किसान हलाकान हैं, बल्कि समिति संचालक भी परेशान हैं. क्योंकि किसान लगातार खाद और उर्वरक के लिए दूर-दूर से समितियों में आ रहे हैं. लेकिन आदेश के परिपालन में वे उन्हें खाद उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जबकि उनके पास पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मौजूद है.