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बस्तर में दिखा विदेशी पक्षी बर्न आउल, जगदलपुर वन विभाग खातिरदारी में जुटा - BARN OWL

बस्तर के जंगलों में खूबसूरत विदेशी पक्षी बर्न आउल दिखा है.

Barn Owl in bastar
बस्तर में बर्न आउल (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 10, 2025, 10:48 AM IST

जगदलपुर: ठंड के मौसम में विदेशी पक्षी ने बस्तर में दस्तक दिया है. उड़ान भरकर स्कूल के दीवार में बैठे पक्षी को पकड़कर वन विभाग को सौंपा गया है. इस पक्षी का नाम बर्न आउल है. जो इस समय वन विभाग के अभिरक्षा में रखा हुआ है.

स्कूल की दीवार पर बैठा था बर्न आउल: जगदलपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी देवेंद्र वर्मा ने बताया कि 9 जनवरी की शाम जगदलपुर शहर से लगे धरमपुरा के मून स्टोन स्कूल के शिक्षक वन विभाग के ऑफिस पहुंचे. उनके हाथों में एक पक्षी था. शिक्षकों ने उन्हें बताया कि पक्षी स्कूल के दीवार पर थककर बैठा हुआ था. उन्हें लगा कि पक्षी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. जिसके बाद पक्षी को पकड़कर शिक्षकों ने वन विभाग को सौंपा.

Barn Owl in bastar
बस्तर में बर्न आउल (ETV Bharat Chhattisgarh)

दिल के आकार का चेहरा वाला बर्न आउल: वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि इस पक्षी का नाम बर्न आउल है. जो ज्यादातर हिमालय के उत्तर में एशिया, इंडोनेशिया, प्रशांत द्वीप समूह, ध्रुवीय और मरुस्थलीय क्षेत्र में पाया जाता है. इस पक्षी का वैज्ञानिक नाम श्वेतालूक ( टायटो अल्बा) या लक्ष्मयुलूक ( लक्ष्मी उलूक) है. बर्न आउल मध्यम आकार के उल्लू हैं. इनका सिर बड़ा और चेहरा दिल के आकार का होता है. हिन्दू पौराणिक कथा अनुसार श्वेतालूक देवी लक्ष्मी की वाहन है.

आपको बता दें कि बस्तर घने जंगलों से भरपूर है. बस्तर जिले में कांगेरवेली नेशनल पार्क है. जहां कई तरह के जानवर और खूबसूरत पक्षी मिलते हैं. बस्तर का वातावरण बस्तर की जलवायु और बस्तर का आबोहवा वन्य प्राणियों और विलुप्तप्राय जीवों के लिए काफी अनुकूल है. इस कारण विदेशी पक्षियों का आना जाना लगा रहता है. कई विदेशी पक्षियों को इससे पहले भी बस्तर में देखा गया है. बस्तर संभाग के दोनों नेशनल पार्क में सैकड़ों विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं.

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जगदलपुर: ठंड के मौसम में विदेशी पक्षी ने बस्तर में दस्तक दिया है. उड़ान भरकर स्कूल के दीवार में बैठे पक्षी को पकड़कर वन विभाग को सौंपा गया है. इस पक्षी का नाम बर्न आउल है. जो इस समय वन विभाग के अभिरक्षा में रखा हुआ है.

स्कूल की दीवार पर बैठा था बर्न आउल: जगदलपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी देवेंद्र वर्मा ने बताया कि 9 जनवरी की शाम जगदलपुर शहर से लगे धरमपुरा के मून स्टोन स्कूल के शिक्षक वन विभाग के ऑफिस पहुंचे. उनके हाथों में एक पक्षी था. शिक्षकों ने उन्हें बताया कि पक्षी स्कूल के दीवार पर थककर बैठा हुआ था. उन्हें लगा कि पक्षी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. जिसके बाद पक्षी को पकड़कर शिक्षकों ने वन विभाग को सौंपा.

Barn Owl in bastar
बस्तर में बर्न आउल (ETV Bharat Chhattisgarh)

दिल के आकार का चेहरा वाला बर्न आउल: वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि इस पक्षी का नाम बर्न आउल है. जो ज्यादातर हिमालय के उत्तर में एशिया, इंडोनेशिया, प्रशांत द्वीप समूह, ध्रुवीय और मरुस्थलीय क्षेत्र में पाया जाता है. इस पक्षी का वैज्ञानिक नाम श्वेतालूक ( टायटो अल्बा) या लक्ष्मयुलूक ( लक्ष्मी उलूक) है. बर्न आउल मध्यम आकार के उल्लू हैं. इनका सिर बड़ा और चेहरा दिल के आकार का होता है. हिन्दू पौराणिक कथा अनुसार श्वेतालूक देवी लक्ष्मी की वाहन है.

आपको बता दें कि बस्तर घने जंगलों से भरपूर है. बस्तर जिले में कांगेरवेली नेशनल पार्क है. जहां कई तरह के जानवर और खूबसूरत पक्षी मिलते हैं. बस्तर का वातावरण बस्तर की जलवायु और बस्तर का आबोहवा वन्य प्राणियों और विलुप्तप्राय जीवों के लिए काफी अनुकूल है. इस कारण विदेशी पक्षियों का आना जाना लगा रहता है. कई विदेशी पक्षियों को इससे पहले भी बस्तर में देखा गया है. बस्तर संभाग के दोनों नेशनल पार्क में सैकड़ों विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं.

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