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धान समिति प्रबंधन की मनमानी से दर-दर भटकने को मजबूर किसान

तखतपुर क्षेत्र के कुआं धान समिति प्रबंधन की तानाशाही से एक किसान तहसील कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है.

Farmers forced to visit tehsil office in takhatpur
तहसील कार्यालय में किसान
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Published : Feb 25, 2020, 6:11 PM IST

बिलासपुर: तखतपुर विधानसभा में किसान धान समिति प्रबंधन की मनमानी से परेशान है. कुआं धान समिति प्रबंधन की तानाशाही रवैये से किसान तहसील कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

धान समिति प्रबंधन की मनमानी से दर-दर भटकने को मजबूर किसान

बिलासपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर तखतपुर के ग्राम पंचायत कुआं का एक किसान दर-दर भटक रहा है. अधिकारियों और समिति प्रबंधन के मनमानी रवैया से किसानों को उनकी फसल का लाभ नहीं मिल रहा है.

दरअसल, किसान नंद राम वस्त्रकार को 17 फरवरी को टोकन काटा गया था. किसान के अनुसार बारदाने की समस्या और बारिश होने की वजह से उसे अगले दिन बुलाया गया, लेकिन समिति प्रबंधन ने 19 फरवरी को भी बारदानों की कमी बताई और धान नहीं खरीदा गया. इसके बाद किसान ने आखिरी दिन 20 फरवरी को अपनी व्यवस्था से समिति कुआं में धान रखा फिर भी उनका धान नहीं खरीदा गया.

जल्द कार्रवाई का आश्वासन

किसान ने अपनी समस्या तहसीलदार से बताई और मामले में जल्द कार्रवाई की गुहार लगाई. तहसीलदार देवेश कुमार ध्रुव ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

डाटा अपलोडिंग का काम बंद

मामले में कुआं धान समिति प्रबंधक जीवन राम ने फोन पर बताया कि 17 तारीख को टोकन कटा था, जो लैप्स हो गया. जिसे 19 तारीख को संशोधन कर दिया गया था, लेकिन उस दिन भी समिति में धान नहीं रखा. अब डाटा अपलोडिंग बंद कर दिया गया है. इसकी वजह से समस्या बनी हुई है.

बिलासपुर: तखतपुर विधानसभा में किसान धान समिति प्रबंधन की मनमानी से परेशान है. कुआं धान समिति प्रबंधन की तानाशाही रवैये से किसान तहसील कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

धान समिति प्रबंधन की मनमानी से दर-दर भटकने को मजबूर किसान

बिलासपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर तखतपुर के ग्राम पंचायत कुआं का एक किसान दर-दर भटक रहा है. अधिकारियों और समिति प्रबंधन के मनमानी रवैया से किसानों को उनकी फसल का लाभ नहीं मिल रहा है.

दरअसल, किसान नंद राम वस्त्रकार को 17 फरवरी को टोकन काटा गया था. किसान के अनुसार बारदाने की समस्या और बारिश होने की वजह से उसे अगले दिन बुलाया गया, लेकिन समिति प्रबंधन ने 19 फरवरी को भी बारदानों की कमी बताई और धान नहीं खरीदा गया. इसके बाद किसान ने आखिरी दिन 20 फरवरी को अपनी व्यवस्था से समिति कुआं में धान रखा फिर भी उनका धान नहीं खरीदा गया.

जल्द कार्रवाई का आश्वासन

किसान ने अपनी समस्या तहसीलदार से बताई और मामले में जल्द कार्रवाई की गुहार लगाई. तहसीलदार देवेश कुमार ध्रुव ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

डाटा अपलोडिंग का काम बंद

मामले में कुआं धान समिति प्रबंधक जीवन राम ने फोन पर बताया कि 17 तारीख को टोकन कटा था, जो लैप्स हो गया. जिसे 19 तारीख को संशोधन कर दिया गया था, लेकिन उस दिन भी समिति में धान नहीं रखा. अब डाटा अपलोडिंग बंद कर दिया गया है. इसकी वजह से समस्या बनी हुई है.

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