बिलासपुर: तत्कालीन जल संसाधन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आलोक अग्रवाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सिंगल बेंच ने जमानत याचिका खारिज कर दी है.
क्या है पूरा मामला
2014 में एसीबी को तात्कालीन खारंग डिवीजन के प्रभारी एग्जिक्यूटिव इंजीनियर आलोक अग्रवाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी. कार्रवाई में आलोक के भाई पवन अग्रवाल और उसके साथी पार्टनर से करोड़ों रूपए की संपत्ति जब्त हुई थी. जिसके बाद सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया था.
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आय से अधिक संपत्ति का अर्जित करने का आरोप
आलोक 1992 से जनवरी 2015 के बीच सहायक अभियंता, उप अभियंता और कार्यपालन अभियंता के पद पर तैनात थे. इस बीच उनकी मूल आय 17 करोड़ 90 लाख 80 हजार के लगभग बनती है. इसके बावजूद उन्होंने 23 साल में 31 करोड़, 23 लाख, 67 हजार से अधिक की संपत्ति जुटा ली है. इस तरह आलोक अग्रवाल का परिवार हर साल 1 करोड़ से भी अधिक की आय अर्जित करता रहा है. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने की है.