रायपुर: रोटी, कपड़ा और मकान हर आदमी और परिवार की जरूरत होती है. इंसान की ये तीनों जरूरतें सबसे प्रारंभिक जरूरत है. इस दिशा में सरकार की ओर से काम किया जा रहा है. इन तीनों जरूरतों में शामिल मकान को लेकर छत्तीसगढ़ की साय सरकार लगातार काम करने का दावा कर रही है. सीएम विष्णुदेव साय ने इस क्षेत्र में दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में हर गरीब के पक्के मकान होने का सपना साकार होगा. नगरीय निकाय में 15 हजार नए घरों की मंजूरी मिली है. यह मंजूरी पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत मिली है. केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दी है.
"गरीबों को मिलेगा पक्का घर": सीएम विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार की तरफ से 15 हजार नए पीएम आवास योजना के घर की स्वीकृति मिलने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा है कि इससे प्रदेश में गरीबों को पक्का घर मिलेगा. सूबे में जल्दी ही हर गरीब के पक्के मकान का सपना पूरा होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र दोनों जगहों में मकान का निर्माण तेजी से पूरा किया जा रहा है. सरकार अंतिम छोर पर खड़े हर व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचाने की तैयारी करेगी. उन्होंने इसके लिए डिप्टी सीएम अरुण साव के प्रयासों की सराहना भी की है.
राज्य में जल्द ही हर गरीब के पक्के घर का सपना साकार होगा. छत्तीसगढ़ को 15 हजार नए आवास की स्वीकृति मिली है-विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
केंद्र सरकार से मिली घरों की मंजूरी: केंद्र सरकार की तरफ से घरों की मंजूरी मिली है. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत यह मंजूरी प्राप्त हुई है. जिसको लेकर राज्य सरकार के पास केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय का पत्र भी आ चुका है. इस लेटर में मार्च 2025 तक 15 हजार नए आवासों की स्वीकृति के साथ ही आवास की मंजूरी प्रदान करने का उल्लेख किया गया है. राज्य के सभी नगरीय निकायों के लिए मकानों की मंजूरी मिली है. राज्य सरकार को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंदर पात्र हितग्राहियों का प्रस्ताव भेजने का निर्देश केंद्र सरकार ने दिया है.
क्या है पीएम आवास योजना शहरी?: पीएम आवास योजना शहरी ऐसे शहर के लोगों के लिए हैं जो कमजोर, मध्यम और निम्न आय वर्गों के तहत आते हैं. इन लोगों को केंद्र सरकार की तरफ से रियायती दरों पर आवास उपलब्ध कराया जाता है. छत्तीसगढ़ में योजना को सभी नगरीय निकायों में लागू करते हुए भारत सरकार के यूनिफाइड वेब पोर्टल पर सर्वेक्षण का काम भी शुरू कर दिया गया है.