बिलासपुर: सरकारी नौकरी करने वालों के लिए पेंशन बड़ा सहारा होता है. रिटायरमेंट के बाद पेंशन बहुत बड़ा सहारा रहता है. लेकिन प्रदेश के शासकीय कर्मचारी इन दिनों अपनी पेंशन को लेकर चिंता में हैं. क्योंकि साल 2004 में तत्तकालीन भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद कर नई स्कीम लागू की है.
इससे नाराज कर्मचारी पुरानी योजना को फिर से बहाल कराने के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं. ताकि रिटायरमेंट के बाद वे एक सम्मान पूर्वक जीवन जी सकें. छत्तीसगढ़ में अंशदाई पेंशन कर्मचारी कल्याण संघ ने पुरानी योजना की बहाली के लिए मोर्चा खोल दिया है. इस प्रयास में ब्लॉक, जिला, संभाग और प्रदेश स्तर पर मांग को लेकर शंखनाद कर दिया है.
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कर्मचारियों ने बुलंद की आवाज
कर्मचारियों की मांग है कि साल 2004 में बंद पड़ी पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए. समिति ने संभागीय स्तर पर चिंतन बैठक का आयोजन किया. जिसमें विभिन्न जिलों के अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने के लिए आवाज बुलंद की.
बड़े आंदोलन की तैयारी
पदाधिकारियों का कहना है कि जब राजनेताओं ने खुद के लिए विशेष पेंशन योजना लागू कर रखी है, फिर कर्मचारियों से भेदभाव क्यों किया जा रहा है. पुरानी पेंशन की मांग करने वाले कर्मियों का कहना है कि सरकार ने 1 सूत्रीय इस मांग की अनदेखी की तो आगामी समय में आंदोलन का रूप और भी कड़ा किया जाएगा. जिसकी तैयारी अभी से पूरी कर ली गई है.