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यहां के लोग कर रहे हैं पेंड्रा-गौरेला जिले में शामिल होने की मांग, ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

पेंड्रा-गौरेला और मरवाही को मिलाकर नए जिले का ऐलान होते ही पासवान के ग्रामीण पेंड्रा जिले में शामिल करने की मांग कर रहे हैं.

पसान के ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 27, 2019, 12:06 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने पेंड्रा-गौरेला और मरवाही को मिलाकर एक नए राजस्व जिले की घोषणा की है. इसके बाद कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 110 किमी दूर स्थित कोरबा का पसान और उसके आस-पास के लगभग 42 गांव के लोग अपने क्षेत्र को नवगठित जिले में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं.

पसान के ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

इसी कड़ी में पसान और उसके आस-पास के अन्य गांव के लोग और जनप्रतिनिधि प्रशांत संघर्ष समिति के बैनर तले पेंड्रा पहुंचे. जहां सैंकड़ों के संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान ग्रामीणों ने पसान उप तहसील को नवगठित पेंड्रा गौरेला मरवाही जिले में शामिल किए जाने की मांग की है.

विकास से कोसों दूर है गांव
पेंड्रा के एसडीएम कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों का कहना है कि कोरबा जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर स्थित है. इतना ही नहीं ब्लॉक मुख्यालय पोड़ी भी 50 किलोमीटर दूर स्थित हैं, जिससे उनका क्षेत्र विकास से कोसों दूर है. ग्रामीणों ने कहा कि उनका क्षेत्र पूरी तरह से वनांचल है, जिससे जिला मुख्यालय तक जाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है.

बता दें कि 15 अगस्त को सीएम भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर से पेंड्रा-गौरेला और मरवाही को मिलाकर नए जिले की घोषणा की थी.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने पेंड्रा-गौरेला और मरवाही को मिलाकर एक नए राजस्व जिले की घोषणा की है. इसके बाद कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 110 किमी दूर स्थित कोरबा का पसान और उसके आस-पास के लगभग 42 गांव के लोग अपने क्षेत्र को नवगठित जिले में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं.

पसान के ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

इसी कड़ी में पसान और उसके आस-पास के अन्य गांव के लोग और जनप्रतिनिधि प्रशांत संघर्ष समिति के बैनर तले पेंड्रा पहुंचे. जहां सैंकड़ों के संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान ग्रामीणों ने पसान उप तहसील को नवगठित पेंड्रा गौरेला मरवाही जिले में शामिल किए जाने की मांग की है.

विकास से कोसों दूर है गांव
पेंड्रा के एसडीएम कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों का कहना है कि कोरबा जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर स्थित है. इतना ही नहीं ब्लॉक मुख्यालय पोड़ी भी 50 किलोमीटर दूर स्थित हैं, जिससे उनका क्षेत्र विकास से कोसों दूर है. ग्रामीणों ने कहा कि उनका क्षेत्र पूरी तरह से वनांचल है, जिससे जिला मुख्यालय तक जाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है.

बता दें कि 15 अगस्त को सीएम भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर से पेंड्रा-गौरेला और मरवाही को मिलाकर नए जिले की घोषणा की थी.

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बिलासपुर 15 अगस्त को जैसे ही प्रदेश के मुखिया ने पेंड्रा गौरेला और मरवाही को मिलाकर एक नए राजस्व जिले की घोषणा की जिसके बाद कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 110 किलोमीटर दूर स्थित कोरबा का पासवान और उसके आसपास के लगभग 42 गांव के लोग अपने क्षेत्र को नवगठित जिले में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं और इसी कड़ी में पर्सन और उसके आसपास के अन्य गांव के लोग और जनप्रतिनिधि प्रशांत संघर्ष समिति के बैनर तले पेंड्रा पहुंचे और एसडीएम को ज्ञापन दिया जिसमें परेशान उप तहसील को नवगठित पेंड्रा गौरेला मरवाही जिले में शामिल किए जाने की मांग की है वहीं एसडीएम ने विज्ञापन लेते हुए उसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही है


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पेंड्रा गौरेला और मरवाही को नया जिला बनाए जाने की घोषणा जैसे ही 15 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर में किए जिसके बाद पेंड्रा गौरेला मरवाही के लोग तो झूम उठे वहीं पेंड्रा की सीमा से जुड़ा कोरबा जिले का प्रश्न और उसके आसपास के 42 ग्राम पंचायतों के लोगों को मुख्यधारा से जुड़ने के लिए एक रोशनी दिखाई देने लगी यह लोग आज पेंड्रा पहुंचकर एसडीएम पेंड्रारोड को ज्ञापन दिया है जिसमें उन्होंने मांग की है कि उन्हें नवगठित जिला पेंड्रा गौरेला मरवाही में शामिल किया जाता शान और उसके आसपास के गांव के लोगों का कहना है कि कोरबा जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर स्थित ब्लाक मुख्यालय पोड़ी उपरोड़ा से 50 किलोमीटर दूर स्थित होने की वजह से वह और उनका क्षेत्र विकास से कोसों दूर है एसडीएम को ज्ञापन देने पहुंचे जनप्रतिनिधियों का कहना है कि उनका क्षेत्र पूरी तरह वनांचल है जिला मुख्यालय तक जाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है और नया जिला गौरेला मरवाही की सीमा सिर्फ 5 किलोमीटर दूर से ही शुरू हो जाती है वहीं ग्रामीण की माने तो स्वास्थ्य से लेकर घरेलू सामग्री के लिए भी उन्हें पेंड्रा गौरेला का रुख करना पड़ता है सारी वहीं से पूरी होती है उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उनका प्रशांत तहसील गौरेला मरवाही जिले में शामिल करें वहीं प्रशासन ने भी क्षेत्र से आए ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों को आश्वासन देते हुए उनकी मांग कुछ अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही है


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बाइट 1 आनंद मित्तल गले में साफी डाले हुए

बाइट 2 खालिद खान पीला टीशर्ट पहने हुए

बाइट 3 प्रकाश चंद जाखड़ सफेद शर्ट पहने हुए

बाइक 4 मनोज करोसिया एसडीएम पेंड्रा रोड

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