बिलासपुर: जिले में लगातार कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं. वहीं इस कोरोना को कम करने के लिए कोरोना वॉरियर्स की नियुक्ति की गई थी, लेकिन जिले के कोरोना वॉरियर्स का सम्मान नहीं किया गया. जिससे कोरोना योद्धाओं ने नाराजगी जाहिर की है. योद्धाओं का कहना है कि यूज एण्ड थ्रो की कूटनीति में पिस रहे हैं.
मार्च के महीने में लगे लॉकडाउन के बाद से प्रवासी मजदूरों का घरों की ओर आना शुरू हुआ था. जिसके बाद से पुलिस मित्र के रूप में एसपीओ स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स की नियुक्ति गांव में की गई. जिन्हें शासन प्रशासन ने प्रोत्साहन राशि के साथ प्रमाण पत्र भी देना का कहा गया था. लेकिन आज छह महीने के बाद भी न तो राशि दी गई न ही प्रमाण पत्र.
पढ़ें- कोरोना वॉरियर्स को ताली-थाली नहीं आर्थिक सहायता की जरूरत: पीएल पुनिया
यूज एंड थ्रो की कूटनीति में पिस रहे वॉरियर्स
ग्रामीण SPO संतोष कश्यप ने बताया कि शासन-प्रशासन से कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है और न हीं कोई प्रमाण पत्र दिया गया है. संतोष ने कहा कि पढ़े-लिखे युवा राजनीति के जरिए से यूज एण्ड थ्रो की कूटनीति में पिस रहे हैं.
राज्यसभा में भी उठा था मुद्दा
बता दें कि राज्यसभा में भी कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने कहा कि वॉरियर्स को ताली, थाली की नहीं बल्कि आर्थिक मदद की जरूरत है. पीएल पुनिया ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'हेलिकॉप्टर से फूल बरसाना, दिया जलाना सब बढ़िया है, इससे कोरोना वॉरियर्स को अच्छा तो लगता है लेकिन ये काफी नहीं है'. उन्होंने कहा कि 'ओवर टाइम का पैसा और अतिरिक्त वेतन देने से उनका मनोबल बढ़ता. क्योंकि सभी डॉक्टर 24 घंटे अपनी जान जोखिम में डालकर इलाज कर रहे हैं, उन्हें अलग से मदद की जरूरत है'.