बिलासपुर : एक तरफ पूरा छत्तीसगढ़ शिक्षक दिवस मना रहा है.लेकिन दूसरी तरफ बिलासपुर जिले में कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं,जहां पर बच्चे जान हथेली पर लेकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.आज हम अपनी रिपोर्ट में ऐसे ही कुछ स्कूलों की तस्वीर आपके सामने लेकर आए हैं.इन स्कूलों की खास बात ये है कि सरकारी राशि से इन्हें चमकाया तो गया है.लेकिन सिर्फ ऊपरी तौर पर..स्कूल की छत से लेकर नींव तक सब मरम्मत के लिए तरस रहे हैं.
प्राथमिक स्कूल में घट चुकी है बड़ी घटना : छत्तीसगढ़ में नए शिक्षा सत्र का तीन माह बीत चुका है. लेकिन आज भी कई स्कूलों में मरम्मत का काम नहीं हुआ है.वहीं कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनमें पढ़ाई खतरे से खाली नहीं है.हाल ही में सिरगिट्टी के बन्नाकडीह प्राथमिक स्कूल में बड़ी घटना सामने आई थी. इस स्कूल की एक जर्जर क्लास का छत भरभराकर गिर गया. गनीमत रही कि उस समय सारे बच्चे प्रार्थना में थे.नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था.इस स्कूल को सामने से तो चमका दिया गया था.लेकिन छत और पीछे की दीवारों की मरम्मत नहीं की गई थी. जिसकी वजह से हादसा हुआ.
''स्कूल की छत में पिछले साल फॉल सीलिंग का काम हुआ था.इस वजह से सीपेज नहीं दिखाई दिया.शुक्रवार के दिन छत का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया.उस समय सभी बच्चे प्रार्थना कर रहे थे.किसी को चोट नहीं आई.''- मधुबाला बंजारे, प्रधान पाठिका, बन्नाकडीह स्कूल
शासन ने जारी किया है फंड,लेकिन नहीं हुई मरम्मत : आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों की मरम्मत के लिए अब तक शासन ने 10 करोड़ रुपए जारी किए हैं. इस फंड से 952 स्कूलों की मरम्मत होनी है.लेकिन अब तक सिर्फ 178 स्कूलों की ही मरम्मत हो पाई है. शिक्षा विभाग का दावा है कि 663 स्कूलों का कार्य प्रगति पर है. लेकिन ऐसा कहीं दिख नहीं रहा .कई स्कूलों में कार्य शुरु भी नहीं हुए हैं. जिनमें से एक स्कूल सिरगिट्टी का बन्नाकडीह स्कूल भी था.संकुल समन्वयक की मानें तो स्कूल की मरम्मत के लिए बड़ा फंड नहीं आता. इसलिए मरम्मत का काम अधूरा है.
''ज्यादा बड़े काम के लिए पैसा नहीं आता है.मेंटनेंस के लिए ही पैसा आता है.खिड़की दरवाजे और साफ सफाई के लिए पैसा आता है.जो पैसा आया था वो काम करा लिया गया है. बारिश में फंड नहीं आया. इसलिए साफ सफाई का काम छत का नहीं हो पाया.'' देवनारायण यादव,शैक्षणिक समन्वयक संकूल हरदीकला
दूसरे जगहों के स्कूलों का भी हाल बुरा : वहीं बेलतरा के भरारी गांव में संचालित प्राथमिक स्कूल की भी हालत खस्ता है.क्योंकि इस स्कूल की छत और दीवारों से पानी टपक रहा है. दीवार में दरारें हैं.जो कभी भी हादसे को दावत दे सकती हैं. इसी तरह तखतपुर के जनपद प्राथमिक शाला बेलसरा का स्कूल भवन 50 साल पुराना है. जो बीच में से कई जगहों से क्रैक हो चुका है. जिसके कारण पंचायत भवन में स्कूल का संचालन किया जा रहा है. जहां एक साथ 5वीं तक की कक्षाएं चल रही हैं.
शहरी क्षेत्र के स्कूल भी हुए जर्जर : बिरकोना गर्ल्स प्राइमरी स्कूल में छत का प्लास्टर गिर गया था. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. जबकि दो अतिरिक्त कमरों के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी थी. इसी तरह जरहाभाठा शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल की जर्जर छत से प्लास्टर गिर गया था. लिंगियाडीह प्राइमरी स्कूल की छत का प्लास्टर भी गिर चुका है. दोनों ही घटनाओं में किसी को चोट नहीं आई थी.