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लैब तकनीशियन रिटायरमेंट मामला, GAD सचिव समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सचिव को नोटिस जारी किया है. लैब तकनीसियन शेख बनी इसराइल की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई की है.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Dec 12, 2020, 6:33 PM IST

बिलासपुर: बिल्हा में कार्यरत एक लैब टेक्नीशियन की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सचिव को नोटिस जारी किया है. लैब तकनीसियन शेख बनी इसराइल ने अपने रिटायरमेंट को अवैधानिक बताकर इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह पूरा केस जबरन रिटायरमेंट से जुड़ा हुआ है. इसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

पढ़ें: कोरोना निगेटिव को बता दिया संक्रमित, निजी अस्पताल और होटल को HC का नोटिस

याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट से मिली राहत

22 सितंबर 2008 को शासन ने एक आदेश जारी कर 6500-10500 के वेतनमान पा रहे कर्मचारियों को राजपत्रित अधिकारी बनाये जाने की घोषणा की थी. कर्मचारी संघ ने इस आदेश का पालन करने के लिए पहल की. पर संबंधित विभाग ने ध्यान नहीं दिया. इसी बीच इस साल 30 मार्च को स्थानीय बिल्हा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने याचिकाकर्ता को रिटायर कर दिया और इसे शासन को अवगत नहीं कराया .

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बीएमओ को रिटायर करने के अधिकार नहीं होने की बात कही है. शासन द्वारा अन्य लाभ के अलावा पेंशन लाभ ना देने की बात भी की गई है. हाईकोर्ट ने आज इस मामले में याचिकाकर्ता को राहत देते हुए निर्देश दिया. कोर्ट का कहना है कि मामले के विचाराधीन होने की सूरत में याचिकाकर्ता को सभी लाभ दिया जाए. कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सचिव समेत अन्य को नोटिस जारी कर इस संदर्भ में जवाब तलब किया है.

बिलासपुर: बिल्हा में कार्यरत एक लैब टेक्नीशियन की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सचिव को नोटिस जारी किया है. लैब तकनीसियन शेख बनी इसराइल ने अपने रिटायरमेंट को अवैधानिक बताकर इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह पूरा केस जबरन रिटायरमेंट से जुड़ा हुआ है. इसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

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याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट से मिली राहत

22 सितंबर 2008 को शासन ने एक आदेश जारी कर 6500-10500 के वेतनमान पा रहे कर्मचारियों को राजपत्रित अधिकारी बनाये जाने की घोषणा की थी. कर्मचारी संघ ने इस आदेश का पालन करने के लिए पहल की. पर संबंधित विभाग ने ध्यान नहीं दिया. इसी बीच इस साल 30 मार्च को स्थानीय बिल्हा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने याचिकाकर्ता को रिटायर कर दिया और इसे शासन को अवगत नहीं कराया .

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बीएमओ को रिटायर करने के अधिकार नहीं होने की बात कही है. शासन द्वारा अन्य लाभ के अलावा पेंशन लाभ ना देने की बात भी की गई है. हाईकोर्ट ने आज इस मामले में याचिकाकर्ता को राहत देते हुए निर्देश दिया. कोर्ट का कहना है कि मामले के विचाराधीन होने की सूरत में याचिकाकर्ता को सभी लाभ दिया जाए. कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सचिव समेत अन्य को नोटिस जारी कर इस संदर्भ में जवाब तलब किया है.

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