बिलासपुर : करोड़ों का अनुदान लेकर भी एनजीओ की संस्था में भुखमरी से मौत के मामले में राज्य शासन की ओर से फिर जवाब के लिए समय मांगा गया है. हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने अब छठवीं बार जवाब के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई विंटर वैकेशन के बाद तय की है.
2014 से अब तक 8 बच्चों की मौत
राज्य शासन (Government of Chhattisgarh) द्वारा समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत सामाजिक संस्थाओं को अनुदान दिया जाता है. वह संस्था जो निराश्रित बच्चों के लिए काम कर रही है, उनके लिए अलग से घरौंदा योजना प्रारंभ की गई थी. इसके तहत पीतांबरा संस्था समेत 4 संस्थाओं को 9 करोड़ 76 लाख की राशि दी गई थी. इसमें से बिलासपुर स्थित तिफरा पीतांबरा व कुछ अन्य संस्थाओं में 2014 से लेकर अब तक अलग-अलग 8 बच्चों की मौत हो गई है. इनमें से जब 2017 में एक घटना पीतांबरा में हुई तो इसकी शिकायत की गई.
कोपल वाणी रायपुर ने हाईकोर्ट में लगाई थी जनहित याचिका
विशेष बच्चों और दिव्यांग बच्चों के लिए काम कर रही संस्था कोपल वाणी रायपुर ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई. इसमें कहा गया कि शासन के अनुदान का इस तरह दुरुपयोग हो रहा है. जो लोग इस क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं, उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पाती है. इतनी बड़ी रकम होने के बाद भी भूख से बच्चों की यह स्थिति भयावह है. आज सुनवाई के दौरान शासन (Government of Chhattisgarh) ने जवाब के लिए फिर समय मांगा है. कोर्ट ने शासन द्वारा पहले भी पांच बार समय लेने का उल्लेख करते हुए शासन को अपना जवाब प्रस्तुत करने एक बार और समय दिया है.