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SPECIAL: रेलवे के 110 कोरोना कोचों का नहीं हुआ इस्तेमाल, राज्य सरकार पर उदासीनता का आरोप - Isolation ward

छत्तीसगढ़ में रेलवे ने 110 रेल कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाया है. सरकार ने अब तक रेलवे के इन तैयार कोरोना कोच के इस्तेमाल को लेकर कोइ तालमेल नहीं बिठाया है. जो सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है. रेलवे अधिकारी कोरोना कोच के उपयोग के लिए राज्य शासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

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खाली पड़े आइसोलेशन कोच
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Published : Sep 8, 2020, 8:06 PM IST

Updated : Sep 8, 2020, 9:18 PM IST

बिलासपुर : कोरोना संक्रमण को लेकर हर दिन नए रिकॉर्ड दर्ज किए जा रहे हैं. बीते कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ में भी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. जिसके बाद कई जिलों में बेड की कमी सामने आ रही है. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के शुरुआती दौर में ही रेलवे ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कई रेलवे कोच को आइसोलेट बेड में तब्दील किया था. इसके तहत छत्तीसगढ़ में भी 110 कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था. लेकिन हालात खराब होने के बावजूद अब तक इन कोरोना आइसोलेशन कोच को इस्तेमाल में नहीं लाया गया है. रेलवे अधिकारी कोरोना कोच के उपयोग के लिए राज्य शासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

रेलवे के कोरोना कोचों का नहीं हुआ इस्तेमाल

रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में रिकवरी रेट पूरे देश में सबसे कम है. छत्तीसगढ़ का रिकवरी रेट 46.8% हो चुका है. जो कि पूरे देश में सबसे कम है. पूरे देश मे संक्रमित मरीजों के संख्या में एक्टिव मरीजों की हिस्सेदारी भी छत्तीसगढ़ की 53 प्रतिशत से अधिक है. सितंबर महीने के शुरुआती 7 दिनों में ही प्रदेश में 13 हजार 7 सौ से अधिक नए मामलों की पहचान की जा चुकी है. बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक रिकवरी रेट में गिरावट दर्ज की गई है. जिले में बीते 10 दिनों में ही रिकवरी रेट में 29 % की कमी आई है. जिले में रिकवरी रेट पहले 71% के आसपास था. जो अब 42 % हो चुका है.

पढ़ें: SPECIAL: बस्तर के महुआ लड्डू की देश-विदेश में बढ़ रही मांग, सेहत के लिए भी फायदेमंद

अब तक नहीं हुआ कोरोना कोच का उपयोग

जिले में रोज औसतन 150 से अधिक संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है. बिलासपुर में करीब 1753 एक्टिव मरीज हैं. जिनमें से 150 से अधिक मरीजों की संख्या ऐसी है जो अस्पताल फुल होने की वजह से इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने अब तक रेलवे के इन तैयार कोरोना बेड के इस्तमाल को लेकर कोइ तालमेल नहीं बिठाया है. जो सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है.

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

कोरोना वायरस संक्रमण के हालातों को देखते हुए प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई है. विपक्ष किसी भी हाल में ये मौका नहीं खोना चाहती है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार घर में रहकर इलाज करवाने की छूट दे रही है. मतलब सरकार यह मान चुकी है कि वो मरीजों को सुविधा मुहैया करवाने में नाकाम है. प्रदेश टेस्टिंग में भी पीछे है और अब रिकवरी रेट भी शर्मनाक है. सरकार कोरोना के मामले में पूरी तरह नाकाम है.

पढ़ें: बलौदाबाजार में 14 शासकीय कर्मचारी निकले कोरोना से संक्रमित

जल्द फैसले की जरूरत

फिलहाल विषम परिस्थितियों में सभी को अधिक संभलकर रहने की जरूरत है. बढ़ते संक्रमण और बिगड़ते हालातों के बीच छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को जल्द कोई बड़ा और सही फैसला लेना होगा. रेलवे के तैयार कोरोना कोच के इस्तेमाल की भी जरूरत है, ताकि कोरोना मरीजों को भी राहत मिल सके.

बिलासपुर : कोरोना संक्रमण को लेकर हर दिन नए रिकॉर्ड दर्ज किए जा रहे हैं. बीते कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ में भी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. जिसके बाद कई जिलों में बेड की कमी सामने आ रही है. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के शुरुआती दौर में ही रेलवे ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कई रेलवे कोच को आइसोलेट बेड में तब्दील किया था. इसके तहत छत्तीसगढ़ में भी 110 कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था. लेकिन हालात खराब होने के बावजूद अब तक इन कोरोना आइसोलेशन कोच को इस्तेमाल में नहीं लाया गया है. रेलवे अधिकारी कोरोना कोच के उपयोग के लिए राज्य शासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

रेलवे के कोरोना कोचों का नहीं हुआ इस्तेमाल

रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में रिकवरी रेट पूरे देश में सबसे कम है. छत्तीसगढ़ का रिकवरी रेट 46.8% हो चुका है. जो कि पूरे देश में सबसे कम है. पूरे देश मे संक्रमित मरीजों के संख्या में एक्टिव मरीजों की हिस्सेदारी भी छत्तीसगढ़ की 53 प्रतिशत से अधिक है. सितंबर महीने के शुरुआती 7 दिनों में ही प्रदेश में 13 हजार 7 सौ से अधिक नए मामलों की पहचान की जा चुकी है. बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक रिकवरी रेट में गिरावट दर्ज की गई है. जिले में बीते 10 दिनों में ही रिकवरी रेट में 29 % की कमी आई है. जिले में रिकवरी रेट पहले 71% के आसपास था. जो अब 42 % हो चुका है.

पढ़ें: SPECIAL: बस्तर के महुआ लड्डू की देश-विदेश में बढ़ रही मांग, सेहत के लिए भी फायदेमंद

अब तक नहीं हुआ कोरोना कोच का उपयोग

जिले में रोज औसतन 150 से अधिक संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है. बिलासपुर में करीब 1753 एक्टिव मरीज हैं. जिनमें से 150 से अधिक मरीजों की संख्या ऐसी है जो अस्पताल फुल होने की वजह से इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने अब तक रेलवे के इन तैयार कोरोना बेड के इस्तमाल को लेकर कोइ तालमेल नहीं बिठाया है. जो सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है.

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

कोरोना वायरस संक्रमण के हालातों को देखते हुए प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई है. विपक्ष किसी भी हाल में ये मौका नहीं खोना चाहती है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार घर में रहकर इलाज करवाने की छूट दे रही है. मतलब सरकार यह मान चुकी है कि वो मरीजों को सुविधा मुहैया करवाने में नाकाम है. प्रदेश टेस्टिंग में भी पीछे है और अब रिकवरी रेट भी शर्मनाक है. सरकार कोरोना के मामले में पूरी तरह नाकाम है.

पढ़ें: बलौदाबाजार में 14 शासकीय कर्मचारी निकले कोरोना से संक्रमित

जल्द फैसले की जरूरत

फिलहाल विषम परिस्थितियों में सभी को अधिक संभलकर रहने की जरूरत है. बढ़ते संक्रमण और बिगड़ते हालातों के बीच छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को जल्द कोई बड़ा और सही फैसला लेना होगा. रेलवे के तैयार कोरोना कोच के इस्तेमाल की भी जरूरत है, ताकि कोरोना मरीजों को भी राहत मिल सके.

Last Updated : Sep 8, 2020, 9:18 PM IST
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