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कोरोना संकट: स्कूलों में जल्द लौटेगी रौनक, किताबों की पहली खेप पहुंची बिल्हा

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Published : Jul 30, 2020, 8:26 PM IST

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के स्कूलों को खोलने की तैयारी में जुट गया है. इसी क्रम में शिक्षा विभाग बिलासपुर के बिल्हा में नि:शुल्क बांटी जाने वाली किताबें संकुल तक भेज दिया है. हालांकि स्कूल खोलने के लिए कोरोना संकट के कम होने का इंतजार किया जा रहा है.

Chhattisgarh Education Department sent free book in Bilha
बिल्हा पहुंची की नि:शुल्क पुस्तकों की खेप

बिलासपुर: शिक्षा व्यवस्था को फिर से पटरी पर लौटने की संभावनाएं जताई जा रही है. शासन स्तर पर इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. नि:शुल्क गणवेश, मध्याह्न भोजन के बाद अब शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम की पुस्तकों को संकुल तक भेजना शुरू कर दिया है.

एशिया के सबसे बड़े विकासखंड बिल्हा के सभी संकुल केंद्रों में नि:शुल्क वितरण वाली किताबों की खेप पहुंचने लगी है. कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक की किताबों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान समेत सात विषयों के साथ योग शिक्षा की भी पुस्तकें हैं. जो बच्चों को नि:शुल्क प्रदान की जाएगी.

प्रधान पाठकों को पुस्तकें ले जाने सूचना भेज दी गई

बिल्हा संकुल पहुंची पुस्तकों को संकुल के सभी पाठशालाओं में वितरित करना सुनिश्चित किया गया है. छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की इन पुस्तकों को बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर बंडल बनाया जाएगा और उन्हें कक्षावार वितरीत किया जाएगा. बिल्हा के शैक्षणिक संकुल प्रभारी केशव वर्मा और वितरण करने वाले प्रधान पाठक साद राम मरकाम ने बताया है कि बिल्हा से लगे मुढ़ीपार, उमरिया, पेंदरवा, भैंसगोड़, केवाची और पत्थर खान के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के प्रधान पाठकों को पुस्तकें ले जाने सूचना भेज दी गई है.

जनपद प्राथमिक शाला बिल्हा में रखी गई किताबें

फिलहाल रायपुर पाठ्य पुस्तक निगम से ट्रक में आए पाठ्य सामग्री और पुस्तकों को जनपद प्राथमिक शाला बिल्हा में सुरक्षित रखा गया है. हालांकि बिलासपुर जिले में लॉकडाउन प्रभावी है.

फिर से लौंटेगी स्कूल की रौनकता

उम्मीदें जताई जा रही है कि स्कूली बच्चे जल्द ही स्कूल की ओर लौटेंगे. कई महीनों से सुने पड़े पाठ शालाओं में बच्चों की किलकारियां गूंजेगी और स्कूल परिसर बच्चों की धमाचौकड़ी से गुलजार हो जाएगा और चारों तरह 'क' 'ख' 'ग' की गूंज सुनाई देगी, लेकिन इसके कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने का इंतजार करना पड़ेगा.

बिलासपुर: शिक्षा व्यवस्था को फिर से पटरी पर लौटने की संभावनाएं जताई जा रही है. शासन स्तर पर इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. नि:शुल्क गणवेश, मध्याह्न भोजन के बाद अब शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम की पुस्तकों को संकुल तक भेजना शुरू कर दिया है.

एशिया के सबसे बड़े विकासखंड बिल्हा के सभी संकुल केंद्रों में नि:शुल्क वितरण वाली किताबों की खेप पहुंचने लगी है. कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक की किताबों में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान समेत सात विषयों के साथ योग शिक्षा की भी पुस्तकें हैं. जो बच्चों को नि:शुल्क प्रदान की जाएगी.

प्रधान पाठकों को पुस्तकें ले जाने सूचना भेज दी गई

बिल्हा संकुल पहुंची पुस्तकों को संकुल के सभी पाठशालाओं में वितरित करना सुनिश्चित किया गया है. छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की इन पुस्तकों को बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर बंडल बनाया जाएगा और उन्हें कक्षावार वितरीत किया जाएगा. बिल्हा के शैक्षणिक संकुल प्रभारी केशव वर्मा और वितरण करने वाले प्रधान पाठक साद राम मरकाम ने बताया है कि बिल्हा से लगे मुढ़ीपार, उमरिया, पेंदरवा, भैंसगोड़, केवाची और पत्थर खान के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के प्रधान पाठकों को पुस्तकें ले जाने सूचना भेज दी गई है.

जनपद प्राथमिक शाला बिल्हा में रखी गई किताबें

फिलहाल रायपुर पाठ्य पुस्तक निगम से ट्रक में आए पाठ्य सामग्री और पुस्तकों को जनपद प्राथमिक शाला बिल्हा में सुरक्षित रखा गया है. हालांकि बिलासपुर जिले में लॉकडाउन प्रभावी है.

फिर से लौंटेगी स्कूल की रौनकता

उम्मीदें जताई जा रही है कि स्कूली बच्चे जल्द ही स्कूल की ओर लौटेंगे. कई महीनों से सुने पड़े पाठ शालाओं में बच्चों की किलकारियां गूंजेगी और स्कूल परिसर बच्चों की धमाचौकड़ी से गुलजार हो जाएगा और चारों तरह 'क' 'ख' 'ग' की गूंज सुनाई देगी, लेकिन इसके कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने का इंतजार करना पड़ेगा.

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