बिलासपुर: बिलासपुर के सिरगिट्टी में विराजी मरी माई माता के मंदिर में चैत्र नवरात्रि के मौके पर भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है. नवरात्र के हर दिन मरी माई माता के भक्तों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. यहां मरी माई के दर्शन को लोग दूर-दूर से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि मरी माई भूत प्रेत बाधा से मुक्त करती हैं. यही कारण है कि दूसरे राज्य से भी लोग माता के दर्शन को आते हैं.
जंगल में बसी है मरी माई: सौ साल से सिरगिट्टी परिक्षेत्र में मरी माई माता विराजमान हैं. माता की प्रतिमा के स्थापना के बाद से ही इसकी ख्याति दूर-दूर तक है. माता की प्रतिमा स्वयंभू है और सौ साल पहले माता की प्रतिमा टेसू के पेड़ के नीचे रखी हुई थी. इस क्षेत्र में पहले जंगल हुआ करता था और यहां जंगली जानवर रहते थे. समय के साथ-साथ यहां इंसान बसने लगे और माता के प्रतिमा की स्थापना के लिए मंदिर बनवाया गया.
नवरात्रि के मौके पर होती है भारी भीड़: सिरगिट्टी के मरी माई मंदिर में नवरात्रि के मौके पर भक्त सुबह से ही दर्शन को पहुंचते हैं. मनोकामना ज्योत जलाकर भक्त अपनी मनोकामना पाते हैं. यहां मंदिर और इसके आसपास नवरात्रि के अवसर पर भक्ति भरा माहौल होता है.
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भूत बाधा होती है दूर: रेलवे स्टेशन के पीछे सिरगिट्टी में मरीमाई मंदिर की कई विशेषताएं हैं. यहां भूत बाधा के साथ शारीरिक समस्याओं को लेकर लोग माता के पास पहुंचते हैं. मरी माता उनके दुखों दर्द को दूर करती हैं. नवरात्र में पहुंचने वाले ज्यादातर भक्त देवी की उपासना कर शारीरिक और भूत बाधा दूर करने की मनोकामना करते हैं. मरी माई देवी भी भक्त्तों की समस्याओं को दूर करती है.
दर्शन से होती है भूत बाधा दूर: मंदिर के पुजारी तरुणाचारी ने कहते हैं "मरी माई माता की विशेषता है कि वह भक्तों की शारीरिक समस्या तो दूर करती ही हैं, साथ ही भूत बाधा का भी नाश करती है. देवी के कई चमत्कार हैं, जो भक्तों की उनके प्रति आस्था को और प्रगाढ़ बनाता है."
बचपन से बना है माता का आशीर्वाद: मंदिर में दर्शन के लिए आए भक्त सुजीत ने बताया कि "उस पर बचपन से ही माता का आशीर्वाद है. क्योंकि जब भी उसे माता की जरूरत पड़ती है, माता उसका साथ देती है. उसके बिगड़े काम को माता मात्र दर्शन से ही ठीक कर देती है. यही वजह है कि वह बचपन से माता के मंदिर आता है और उनकी सेवा करता है."
माता के दर्शन मात्र से बने कई बिगड़े काम: मंदिर में दर्शन के लिए आए भक्त जुगल किशोर श्रीवास ने बताया कि "जब उनके व्यापार में या घरेलू समस्या आती है या काम बिगड़ने लगते हैं. तब वे माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं. माता के दर्शन कर उन्हें अपनी समस्या बताने पर माता उनकी समस्या को दूर कर देती है. यही कारण है कि वह पिछले 40 सालों से भी अधिक समय से माता की सेवा करने यहां पहुंचते हैं."