ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कलेक्टर को ड्रेस कोड के लिए टोका, कहा टाई तो लगा लेते

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण पर सिम्स अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा फोटो खिचाओ लेकिन काम भी करो..Awanish Sharan

CG HC on Collector dress
अवनीश शरण
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 29, 2023, 9:38 AM IST

Updated : Dec 29, 2023, 9:47 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को सिम्स अस्पताल की अव्यवस्था मामले की सुनवाई के दौरान कड़े शब्दों में हिदायत दी है. कलेक्टर को कहा यह आने के लिए ड्रेस कोड पहनना भूल गए क्या, टाई तो लगा लेना चाहिए. कलेक्टर अवनीश शरण सामान्य ड्रेस पहनकर चीफ जस्टिस की कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंच गए थे. इस बात पर कोर्ट ने उन्हें खरी बात सुनाई. कोर्ट ने कहा कि सिम्स मेडिकल अस्पताल में सिर्फ निरीक्षण करने जाना नहीं बल्कि व्यवस्था में सुधार करना भी है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शीतकालीन छुट्टी के बीच गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में सिम्स की जनहित याचिका पर सुनवाई की . सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अव्यवस्था और दवाओं की कमी के साथ सुविधाएं नहीं होने को लेकर खबरों पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के माध्यम से चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल के साथ मामले की सुनवाई की.

अवनीश शरण पर कोर्ट ने जताई नाराजगी: सिम्स अस्पताल में अव्यवस्थाओं पर लगी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कई दिशा निर्देश जारी किए थे. जिसके तहत ओएसडी के रूप में आईएएस अधिकारी की नियुक्ति की गई थी और सिम्स की व्यवस्था में सुधार लाने के कवायद लिए गए. व्यवस्था में सुधार के नाम पर जिला प्रशासन ने केवल सिम्स अस्पताल के बाहरी आवरण और कुछ वार्डो की साफ-सफाई की थी, लेकिन इलाज में अव्यवस्था बरकरार रही, जिसे लेकर गुरुवार को ही सुनवाई में कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को कड़े शब्दों में टिप्पणी की है.

सिम्स के डीन को भी सुनाई खरी खोटी: सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन केके सहारे से कोर्ट ने पूछा कि कब से पदस्थ है, तब डीन ने बताया कि वह 2021 से सिम्स के डीन के रूप में पदस्थ है. तब कोर्ट ने डीन से पूछा 2021 से अब तक क्या कर रहे हैं? कोर्ट ने डीन को जमकर फटकार लगाई. पूछा कि जब 2021 से तो अब तक इतने सालों से क्या कर रहे थे? कोर्ट ने कलेक्टर को कहा कि केवल निरीक्षण करना ही अपका काम नहीं है, बल्कि खामियों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए था. हाईकोर्ट ने कहा कि जिला अस्पताल और सिम्स में दवाइयों की कमी है. सीजीएमएससी दवाएं नहीं दे रहा है क्या? राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर फंड दे रही है जिसके बाद भी ऐसी स्थिति क्यों कर दिए हो. दवाइयां सप्लाई नहीं करने पर कोर्ट ने सीजीएमएससी के मैनेजिंग डायरेक्टर को भी शपथ पत्र के साथ अपना जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए है. अब मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को की जाएगी.

घटिया खाना खिलाने पर ठेकेदार पर एक लाख जुर्माना: कोर्ट की सुनवाई के बाद बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण शाम 7 बजे सिम्स मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए पहुंच गए. कलेक्टर के अचानक पहुंचने से सिम्स प्रबंधन में अफरा तफरी मच गई. कलेक्टर वार्डो का निरीक्षण कर रहे थे तभी मरीज को मिलने वाला खाना दिया जा रहा था, जिसे देखकर वह भड़क गए. कलेक्टर ने देखा कि मरीजों को दिए जाने वाला खाना घटिया क्वॉलिटी का था और ऐसी क्वॉलिटी का खाना देने की वजह से मरीज की तबीयत और बिगड़ने की बात कहते हुए कलेक्टर ने ठेकेदार उसके कर्मचारी और सिम्स के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. कलेक्टर ने अधिकारियों को व्यवस्था में सुधार करने की बात कहते हुए कड़े निर्देश दिए साथ ही खाना सप्लाई का ठेका लेने वाली फिलिप्स कंपनी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी से प्रोफिट के नाम पर ठगी की सुनवाई, कोर्ट ने पुलिस को सुनाया ये फरमान
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूछा आदिवासियों में तलाक के क्या है नियम? पत्नी की याचिका पर उठा सवाल
सांवली त्वचा के कारण जीवनसाथी को नहीं दे सकते तलाक, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फेयरनेस क्रीम इंडस्ट्री पर निशाना

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को सिम्स अस्पताल की अव्यवस्था मामले की सुनवाई के दौरान कड़े शब्दों में हिदायत दी है. कलेक्टर को कहा यह आने के लिए ड्रेस कोड पहनना भूल गए क्या, टाई तो लगा लेना चाहिए. कलेक्टर अवनीश शरण सामान्य ड्रेस पहनकर चीफ जस्टिस की कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंच गए थे. इस बात पर कोर्ट ने उन्हें खरी बात सुनाई. कोर्ट ने कहा कि सिम्स मेडिकल अस्पताल में सिर्फ निरीक्षण करने जाना नहीं बल्कि व्यवस्था में सुधार करना भी है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शीतकालीन छुट्टी के बीच गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में सिम्स की जनहित याचिका पर सुनवाई की . सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अव्यवस्था और दवाओं की कमी के साथ सुविधाएं नहीं होने को लेकर खबरों पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के माध्यम से चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल के साथ मामले की सुनवाई की.

अवनीश शरण पर कोर्ट ने जताई नाराजगी: सिम्स अस्पताल में अव्यवस्थाओं पर लगी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कई दिशा निर्देश जारी किए थे. जिसके तहत ओएसडी के रूप में आईएएस अधिकारी की नियुक्ति की गई थी और सिम्स की व्यवस्था में सुधार लाने के कवायद लिए गए. व्यवस्था में सुधार के नाम पर जिला प्रशासन ने केवल सिम्स अस्पताल के बाहरी आवरण और कुछ वार्डो की साफ-सफाई की थी, लेकिन इलाज में अव्यवस्था बरकरार रही, जिसे लेकर गुरुवार को ही सुनवाई में कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को कड़े शब्दों में टिप्पणी की है.

सिम्स के डीन को भी सुनाई खरी खोटी: सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन केके सहारे से कोर्ट ने पूछा कि कब से पदस्थ है, तब डीन ने बताया कि वह 2021 से सिम्स के डीन के रूप में पदस्थ है. तब कोर्ट ने डीन से पूछा 2021 से अब तक क्या कर रहे हैं? कोर्ट ने डीन को जमकर फटकार लगाई. पूछा कि जब 2021 से तो अब तक इतने सालों से क्या कर रहे थे? कोर्ट ने कलेक्टर को कहा कि केवल निरीक्षण करना ही अपका काम नहीं है, बल्कि खामियों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए था. हाईकोर्ट ने कहा कि जिला अस्पताल और सिम्स में दवाइयों की कमी है. सीजीएमएससी दवाएं नहीं दे रहा है क्या? राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर फंड दे रही है जिसके बाद भी ऐसी स्थिति क्यों कर दिए हो. दवाइयां सप्लाई नहीं करने पर कोर्ट ने सीजीएमएससी के मैनेजिंग डायरेक्टर को भी शपथ पत्र के साथ अपना जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए है. अब मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को की जाएगी.

घटिया खाना खिलाने पर ठेकेदार पर एक लाख जुर्माना: कोर्ट की सुनवाई के बाद बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण शाम 7 बजे सिम्स मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए पहुंच गए. कलेक्टर के अचानक पहुंचने से सिम्स प्रबंधन में अफरा तफरी मच गई. कलेक्टर वार्डो का निरीक्षण कर रहे थे तभी मरीज को मिलने वाला खाना दिया जा रहा था, जिसे देखकर वह भड़क गए. कलेक्टर ने देखा कि मरीजों को दिए जाने वाला खाना घटिया क्वॉलिटी का था और ऐसी क्वॉलिटी का खाना देने की वजह से मरीज की तबीयत और बिगड़ने की बात कहते हुए कलेक्टर ने ठेकेदार उसके कर्मचारी और सिम्स के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. कलेक्टर ने अधिकारियों को व्यवस्था में सुधार करने की बात कहते हुए कड़े निर्देश दिए साथ ही खाना सप्लाई का ठेका लेने वाली फिलिप्स कंपनी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी से प्रोफिट के नाम पर ठगी की सुनवाई, कोर्ट ने पुलिस को सुनाया ये फरमान
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूछा आदिवासियों में तलाक के क्या है नियम? पत्नी की याचिका पर उठा सवाल
सांवली त्वचा के कारण जीवनसाथी को नहीं दे सकते तलाक, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फेयरनेस क्रीम इंडस्ट्री पर निशाना
Last Updated : Dec 29, 2023, 9:47 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.