ETV Bharat / state

बिलासपुर हाईकोर्ट ने सिंदूर नदी पर बन रहे पुल के लोकेशन चेंज मामले पर लगी रोक हटाई

बलरामपुर सिंदूर नदी पूल लोकेशन बदलाव मामले में लगी रोक बिलासपुर हाईकोर्ट ने हटा दी है.

Balrampur Sindoor River Pool Location Change
बलरामपुर सिंदूर नदी पूल लोकेशन बदलाव
author img

By

Published : Mar 31, 2022, 10:06 PM IST

बिलासपुर: बलरामपुर में सिंदूर नदी पर बनाए जा रहे पुल के लोकेशन बदलने के महत्वपूर्ण मामले में हाईकोर्ट ने लगी रोक को हटा लिया है. शासन ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि नदी के बराबर पुल निर्माण से हाई टेंशन बिजली तार का खतरा हमेशा बना रहेगा. शासन के जवाब पर कोर्ट संतुष्ट हुई और पूल निर्माण पर लगी रोक को हटा लिया. अब निर्माण फिर से प्रारंभ कर दिया जाएगा.

बलरामपुर जिले के सिंदूर ग्राम पंचायत के पास ही स्थित सिंदूर नदी के लिए पुल स्वीकृत किया गया है. इस पुल के आसपास और भी कई गांवों को आवागमन की सुविधा मिलती. पुल के लिए टेंडर स्वीकृत कर निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन इसी बीच पुल की लोकेशन अचानक बदल कर गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर कर दी गई. साथ ही पुल इससे मुख्य सड़क से भी लगभग एक किलोमीटर दूर हो गया.

इस परिवर्तन को चुनौती देते हुए स्थानीय निवासी दिवेश कुमार गुप्ता ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी.याचिका में राजनीतिक हस्तक्षेप का और लागत बढ़ाने का आरोप लगा है. इस मामले में पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य शासन से जवाब तलब किया था. शासन ने शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष अपना जबाब प्रस्तुत किया. जवाब में शासन ने कोर्ट को बताया तातापानी के कपिलपुर जाने के रास्ते में पुल का निर्माण हो रहा है. उस पुल निर्माण के एकरूप मैप योजना को परिवर्तित कर समीप के अन्य स्थान पर पुल निर्माण जिस स्थान पर किया जा रहा है. वह नदी के ऊपर जब उंचाई के साथ निर्मित होगा तो उसमें बिजली का हाई एक्सटेंशन लाईन के नजदीक से होकर गुजरेगा. इसलिए राज्य सरकार ने स्टेट टेक्नीकल एजेंसी के अनुमोदन पर निर्माण स्थल परिवर्तित कर नजदीक के स्थल में बनाया जा रहा है, जो जनहित में है.

यह भी पढ़ें: सरकार का निर्देश : छत्तीसगढ़ में 15 अप्रैल तक जमा कर सकेंगे संपत्ति कर एवं विवरणी

शासन के जवाब को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने अंतरिम आवेदन निर्माण पर रोक लगाने प्रस्तुत किये गये आवेदन को निरस्त करते हुए कहा कि पुल के निर्माण स्थल को परिवर्तन करने का निर्णय बहुत पहले लिया जा चुका है.निर्माण प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है जो कि जनहित के लिए है. इसलिए याचिकाकर्ता को किसी प्रकार से अंतरिम राहत नही दी जा सकती है.उनके द्वारा दायर अंतरिम आवेदन को निरस्त किया जाता है.

बिलासपुर: बलरामपुर में सिंदूर नदी पर बनाए जा रहे पुल के लोकेशन बदलने के महत्वपूर्ण मामले में हाईकोर्ट ने लगी रोक को हटा लिया है. शासन ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि नदी के बराबर पुल निर्माण से हाई टेंशन बिजली तार का खतरा हमेशा बना रहेगा. शासन के जवाब पर कोर्ट संतुष्ट हुई और पूल निर्माण पर लगी रोक को हटा लिया. अब निर्माण फिर से प्रारंभ कर दिया जाएगा.

बलरामपुर जिले के सिंदूर ग्राम पंचायत के पास ही स्थित सिंदूर नदी के लिए पुल स्वीकृत किया गया है. इस पुल के आसपास और भी कई गांवों को आवागमन की सुविधा मिलती. पुल के लिए टेंडर स्वीकृत कर निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन इसी बीच पुल की लोकेशन अचानक बदल कर गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर कर दी गई. साथ ही पुल इससे मुख्य सड़क से भी लगभग एक किलोमीटर दूर हो गया.

इस परिवर्तन को चुनौती देते हुए स्थानीय निवासी दिवेश कुमार गुप्ता ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी.याचिका में राजनीतिक हस्तक्षेप का और लागत बढ़ाने का आरोप लगा है. इस मामले में पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य शासन से जवाब तलब किया था. शासन ने शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष अपना जबाब प्रस्तुत किया. जवाब में शासन ने कोर्ट को बताया तातापानी के कपिलपुर जाने के रास्ते में पुल का निर्माण हो रहा है. उस पुल निर्माण के एकरूप मैप योजना को परिवर्तित कर समीप के अन्य स्थान पर पुल निर्माण जिस स्थान पर किया जा रहा है. वह नदी के ऊपर जब उंचाई के साथ निर्मित होगा तो उसमें बिजली का हाई एक्सटेंशन लाईन के नजदीक से होकर गुजरेगा. इसलिए राज्य सरकार ने स्टेट टेक्नीकल एजेंसी के अनुमोदन पर निर्माण स्थल परिवर्तित कर नजदीक के स्थल में बनाया जा रहा है, जो जनहित में है.

यह भी पढ़ें: सरकार का निर्देश : छत्तीसगढ़ में 15 अप्रैल तक जमा कर सकेंगे संपत्ति कर एवं विवरणी

शासन के जवाब को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने अंतरिम आवेदन निर्माण पर रोक लगाने प्रस्तुत किये गये आवेदन को निरस्त करते हुए कहा कि पुल के निर्माण स्थल को परिवर्तन करने का निर्णय बहुत पहले लिया जा चुका है.निर्माण प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है जो कि जनहित के लिए है. इसलिए याचिकाकर्ता को किसी प्रकार से अंतरिम राहत नही दी जा सकती है.उनके द्वारा दायर अंतरिम आवेदन को निरस्त किया जाता है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.