बिलासपुर: छत्तीसगढ़ ग्रंथपाल बेरोजगार संघ (Chhattisgarh Librarian Unemployed Association) ने स्कूलों में ग्रंथपाल के पदों पर भर्ती बहाल करने की मांग की है. भर्ती प्रक्रिया नहीं निकाले जाने को लेकर शनिवार को बिलासपुर कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया. संघ ने मांग की है कि उनकी मांग जल्द पूरा किया जाए, इससे पहले भी संघ ने रायपुर के बूढ़ा तालाब में धरना प्रदर्शन कर अपनी मांग रखी थी, जहां से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है और मांग पूरी नहीं हो पाई है.
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छत्तीसगढ़ ग्रंथपाल बेरोजगार संघ और बी लिब संघ ने स्कूलों में ग्रंथपाल के पदों पर भर्ती को लेकर बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश भर में उनके लगभग 1 लाख 80 हजार ऐसे बेरोजगार हैं, जो पिछले 5 सालों से ग्रंथपाल की बैचलर और मास्टर की डिग्री लेकर बैठे हुए हैं, लेकिन पूरे प्रदेश में साल 2013 के बाद ग्रंथपाल की भर्ती प्रक्रिया प्रदेश में नहीं हो पाई है. उसके बाद से छत्तीसगढ़ बेरोजगार संघ आक्रोशित है. कई बार मंत्री और विधायकों से मुलाकात की, लेकिन भर्ती प्रक्रिया निकाले जाने को लेकर मंत्रियों ने केवल आश्वासन ही दिया है और आश्वासन केवल आश्वासन तक ही सीमित रहा.
क्या है प्रमुख मांग
- वर्तमान में कार्यरत सहायक शिक्षक को जिसने दूरवर्ती शिक्षण संस्थानों से बी लिब के डिग्री अर्जित किये हैं. उन्हें अपने टीचिंग मूल पद से जम्प कराके ग्रंथपाल के पद में प्रमोशन देने का आदेश देना बी लिब के लाखों बेरोजगारों के प्रति अन्याय और नियम विरुद्ध है. यह आदेश को तत्काल रद्द किए जाने की मांग की गई है.
- सहायक शिक्षक (ग्रंथपाल) के पद में वर्तमान में जो कार्यरत हैं, यदि वे बीएड भी हैं तो क्या उसे शिक्षक वर्ग-2 टीचिंग पद में प्रमोशन दी जा सकती है. यदि नहीं, तो सहायक शिक्षक( टीचिंग) को शिक्षक (ग्रंथपाल) पद में प्रमोशन क्यों दी जा रही है. क्या सहायक शिक्षक कार्यरत है. यदि वह पत्राचार से बीपीएड की डिग्री अर्जित कर लिए हैं तो उसे व्यायाम शिक्षक के पद में प्रमोशन की जा सकती है. सरकार और विभाग के अफसरों से अपील क्यों गई है कि छत्तीसगढ़ के लाखों पुस्तकालय विज्ञान के बीलिब डिग्री धारी बेरोजगारों के भविष्य पर नियम संगत विचार करने के उपरांत सही नियम का पालन किए जाने की मांग की गई है.
- छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकतर विश्वविद्यालयों में रेगुलर और पत्राचार मोड से बीलिब की कोर्स पिछले 10 से 20 वर्ष पहले संचालित की जा रही है. लाखों बेरोजगारों को पिछले 10 सालों में एक बार भी छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग में ग्रंथपाल के खुली भर्ती का अवसर प्राप्त नहीं हुई है. इस पर शीघ्र कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है.
- ग्रंथपाल के रिक्त 50 फीसदी पदों पर विज्ञापन मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 12 हजार पदों में सभी जिले ग्रंथपाल शिक्षक के पद की विज्ञापन जारी करते हुए खुली प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से भरी जाए. बाकी के 50% पदों में सहायक-शिक्षक( ग्रंथपाल) को ही शिक्षक (ग्रंथपाल) को ही प्रमोशन दिए जाने की अपील की गई.
- हायर सेकेंडरी स्कूलों में ग्रंथपाल के पद शिक्षक के समान वेतनमान ग्रेड का है और प्रमोशन के सीट को व्याख्याता के समकक्ष निर्धारित किया जाए. इस पद के नीति निर्धारण करने वाले अफसर को यह संज्ञान में ला करके सुधार करें कि ग्रंथपाल के पद व्यायाम शिक्षक के समकक्ष रखा गया है.