बिलासपुर: लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को अपने घर के बाहर शराबबंदी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. शराबबंदी, किसानों के बोनस सहित कई अन्य मुद्दों पर बीजेपी नेताओं-कार्यकर्तओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अपने-अपने घर के बाहर प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए पूर्व आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी के मुद्दे पर चुनाव लड़ी और जीतकर आई है, लेकिन कोरोना के समय में सरकार शराबबंदी करना तो दूर उल्टे शराब की घरों में डिलीवरी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक किसानों को दो साल के बकाया बोनस राशि का भी भुगतान नहीं किया है.
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शराब की बिक्री के बाद अपराध का ग्राफ बढ़ा
महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडे ने भी शराबबंदी की मांग को दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से शराब की बिक्री शुरू हुई है, अपराध का ग्राफ उपर चढ़ गया है. कहीं कोई अपनी मां की हत्या कर रहा है, तो कहीं बेटा अपने पिता की हत्या कर रहा है. इन सब बातों को देखते हुए छत्तीसगढ़ में शराबबंदी लागू करना अनिवार्य है, साथ ही किसानों का बकाया बोनस भी जल्द देना चाहिए.
राज्यपाल उइके से मुलाकात कर शराबबंदी की मांग
इसी मुद्दे पर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर प्रदेश में शराबबंदी और शराब की होम डिलीवरी पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही मजदूरों को राहत राशि के वितरण की मांग की है.
कोरोना संक्रमण रोकने की व्यवस्था
वहीं कांग्रेस की मानें तो घर बैठे शराब पहुंचाने की व्यवस्था कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए किया गया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि इस व्यवस्था के लागू होने से दुकानों पर भीड़ नहीं लगेगी और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन होगा. कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शराब बिक्री के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत ही काम किया जा रहा है.