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Bilaspur : डीलिस्टिंग कानून बनने पर रूक जाएगा धर्मांतरण,बीजेपी विधायक का बयान

छत्तीसगढ़ समेत देश के ट्राइबल इलाकों में रहने वाले जनजाति, अनुसूचित जाति के कई लोगों ने अपना धर्म बदल लिया है.लेकिन इसके बाद भी आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें मिल रहे आरक्षण को वापस लेने और आरक्षण से मिली सुविधाओं से वंचित करने के लिए डीलिस्टिंग की मांग उठी है. डीलिस्टिंग होने पर अपने मूल धर्म को छोड़ने वाले लोगों के लिए यह एक सबक की तरह होगा.

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Published : Apr 11, 2023, 7:10 PM IST

BJP MLA krishnamurti bandhi statement
कानून बनने पर रूक जाएगा धर्मांतरण
कानून बनने पर रूक जाएगा धर्मांतरण

बिलासपुर : जिले की मस्तूरी विधानसभा सीट एससी कोटे के लिए रिजर्व सीट है. यहा एससी धर्म की बहुलता है. पिछले 15 साल में लगातार धर्मांतरण को लेकर आवाज उठ रही है. क्षेत्र के विधायक कृष्णमूर्ति बांधी, धर्मांतरण को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं. कृष्णमूर्ति बांधी ने डिलिस्टिंग कानून लागू करने की मांग भी उठाई है. विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने क्षेत्र में हो रहे धर्मांतरण के मामले पर राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.

क्षेत्र में बढ़ा धर्मांतरण : विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि '' कुछ वर्षों से विशेष समुदाय के लोग किसी दूसरे के धर्म की आस्था को बदल करके, धर्मांतरण करने का काम कर रहे हैं. यह एक सोची-समझी चाल है. मैं देखा हूं कि मल्हार, पचपेड़ी, मस्तूरी में एक भी ईसाई संप्रदाय के मानने वाले लोग नहीं रहते थे. लेकिन वहां चर्च बन जाना, इस बात का प्रतीक है कि धर्मांतरण हो रहा है. हम जरूर कहते हैं कि, सब की स्वतंत्रता है. अपने संवैधानिक धर्म को मानने की, लेकिन दूसरे के धर्मों को बदलना, यह कहां तक उचित है.''

धर्मांतरण नहीं है संवैधानिक : बांधी के मुताबिक '' धर्मों को इस आधार पर बदल दें कि, वह गरीब आदमी है, पढ़ा लिखा कम है, उसकी बेबसी का, उसकी लाचारी का, उसकी गरीबी का फायदा उठाते हुए उसका धर्मान्तरण करने का चक्र चलाया जा रहा है. हम सरकार से कहते हैं कि, किसी की आस्था को बदलना उसके धर्म को चेंज करना, यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. धर्म को समझना मानना एक अच्छी बात है. अपनी ज्ञान बढ़ाने के लिए किसी भी धर्म को जानना अच्छी बात है. लेकिन उसको धर्मांतरित करके उसे अपने धर्म से दूर करना यह संवैधानिक नहीं है."

ये भी पढ़ें- धर्म परिवर्तन करने वालों का आरक्षण रद्द करने की अपील

धर्मांतरण रोकने के लिए हो रही डिलिस्टिंग की मांग : भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि ''देश में डिलिस्टिंग कानून की मांग, इसीलिए की जा रही है. क्योंकि, लगातार धर्मांतरण हो रहा है. लव जिहाद के साथ ही गरीबों को लालच देकर उनका धर्म बदला जा रहा है. वह अपना धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में जा रहे हैं. ऐसे में डिलिस्टिंग कानून लागू कर दिया जाए तो धर्मांतरण रुक जाएगा. विशेष जाति के लोग अपनी जाति में रहेंगे.'' मामले में यह भी माना जा रहा है कि धर्मांतरण की वजह से बीजेपी को चुनाव में नुकसान होता है. यही कारण है कि, लगातार बीजेपी विधायक डिलिस्टिंग की मांग कर रहे हैं, ताकि आने वाले समय में उन्हें चुनाव के दौरान इसका फायदा मिल सके.

कानून बनने पर रूक जाएगा धर्मांतरण

बिलासपुर : जिले की मस्तूरी विधानसभा सीट एससी कोटे के लिए रिजर्व सीट है. यहा एससी धर्म की बहुलता है. पिछले 15 साल में लगातार धर्मांतरण को लेकर आवाज उठ रही है. क्षेत्र के विधायक कृष्णमूर्ति बांधी, धर्मांतरण को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं. कृष्णमूर्ति बांधी ने डिलिस्टिंग कानून लागू करने की मांग भी उठाई है. विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने क्षेत्र में हो रहे धर्मांतरण के मामले पर राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.

क्षेत्र में बढ़ा धर्मांतरण : विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि '' कुछ वर्षों से विशेष समुदाय के लोग किसी दूसरे के धर्म की आस्था को बदल करके, धर्मांतरण करने का काम कर रहे हैं. यह एक सोची-समझी चाल है. मैं देखा हूं कि मल्हार, पचपेड़ी, मस्तूरी में एक भी ईसाई संप्रदाय के मानने वाले लोग नहीं रहते थे. लेकिन वहां चर्च बन जाना, इस बात का प्रतीक है कि धर्मांतरण हो रहा है. हम जरूर कहते हैं कि, सब की स्वतंत्रता है. अपने संवैधानिक धर्म को मानने की, लेकिन दूसरे के धर्मों को बदलना, यह कहां तक उचित है.''

धर्मांतरण नहीं है संवैधानिक : बांधी के मुताबिक '' धर्मों को इस आधार पर बदल दें कि, वह गरीब आदमी है, पढ़ा लिखा कम है, उसकी बेबसी का, उसकी लाचारी का, उसकी गरीबी का फायदा उठाते हुए उसका धर्मान्तरण करने का चक्र चलाया जा रहा है. हम सरकार से कहते हैं कि, किसी की आस्था को बदलना उसके धर्म को चेंज करना, यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. धर्म को समझना मानना एक अच्छी बात है. अपनी ज्ञान बढ़ाने के लिए किसी भी धर्म को जानना अच्छी बात है. लेकिन उसको धर्मांतरित करके उसे अपने धर्म से दूर करना यह संवैधानिक नहीं है."

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धर्मांतरण रोकने के लिए हो रही डिलिस्टिंग की मांग : भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि ''देश में डिलिस्टिंग कानून की मांग, इसीलिए की जा रही है. क्योंकि, लगातार धर्मांतरण हो रहा है. लव जिहाद के साथ ही गरीबों को लालच देकर उनका धर्म बदला जा रहा है. वह अपना धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में जा रहे हैं. ऐसे में डिलिस्टिंग कानून लागू कर दिया जाए तो धर्मांतरण रुक जाएगा. विशेष जाति के लोग अपनी जाति में रहेंगे.'' मामले में यह भी माना जा रहा है कि धर्मांतरण की वजह से बीजेपी को चुनाव में नुकसान होता है. यही कारण है कि, लगातार बीजेपी विधायक डिलिस्टिंग की मांग कर रहे हैं, ताकि आने वाले समय में उन्हें चुनाव के दौरान इसका फायदा मिल सके.

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