रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नौकरी पर संकट क्यों आया. किस वजह से सहायक शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकी और अब टर्मिनेशन की कार्रवाई हुई. यह पूरा का पूरा मसला कानूनी पेचीदगियों से भरा हुआ है. आपको हम अपने इस लेख से यह बताने की कोशिश करेंगे की कैसे सहायक शिक्षकों की नौकरी कानूनी पचड़े में फंसी और आखिर में सरकार को टर्मिनेशन का आदेश जारी करना पड़ा.
सहायक शिक्षकों की नौकरी और कानूनी प्रक्रिया: छत्तीसगढ़ में कुल 6285 पदों पर सहायक शिक्षक की भर्ती के लिए 4 मई 2023 को छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया. सरकार के नोटिफिकेशन में शैक्षणिक योग्यता B.ed और डीएलएड दोनों को रखा गया. जून 2023 से भर्ती परीक्षा आयोजित की गई.जुलाई 2023 को रिजल्ट जारी किया गया. इस बीच अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए एनसीटीई 2018 के गजट को रद्द कर दिया गया. इस फैसले के आधार पर डीएलएड के अभ्यर्थियों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
हाईकोर्ट में केस के बावजूद हुई काउंसलिंग: इस बीच छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग में जारी रिजल्ट के आधार पर भर्ती के लिए सत्यापन और काउंसलिंग शुरू हुई. बिलासपुर हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद B.Ed अभ्यर्थियों को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. इसके बाद B.Ed अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए. वहां से अंतरिम राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी उल्लेख किया कि यह भर्ती हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रहेगी. इसके बाद B.Ed के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई और करीब 2900 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की गई. नियुक्ति के बाद उन्होंने कई महीने तक नौकरी भी की.
अप्रैल 2024 में आया हाईकोर्ट का फैसला: बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नौकरी हो गई. इसके बाद अप्रैल 2024 में बिलासपुर हाईकोर्ट का फैसला आया. बीएड के अभ्यर्थियों की जगह डीएलएड के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बात कही गई. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद एक बार फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. यहां 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने याचिक खारिज कर दी.
डीएलडी अभ्यर्थी फिर पहुंचे HC: इसके बाद डीएलडी अभ्यर्थी फिर हाईकोर्ट पहुंचे. उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट में अवमानना का केस दायर किया. कोर्ट में 10 दिसंबर को सुनवाई हुई. कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर निर्देश का पालन करने का आदेश दिया. इसके साथ ही इस केस में अगली सुनवाई की तारीख 24 जनवरी 2025 को तय की गई. कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में सहायक शिक्षक के पद से 2900 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया. इस तरह एक झटके में कुल 2900 सहायक शिक्षक टर्मिनेट हो गए.