बिलासपुर : पिछले दिनों नगर निगम की एमआईसी की बैठक में दो समाजों के शहीद और समाज के नाम के द्वार और प्रतिमा निर्माण कर स्थापित करने का प्रस्ताव पास हुई थी. लेकिन अब इस प्रस्ताव को राजनीतिक चश्मे से देखते हुए वोट बैंक की राजीनीति करने की बात कही जा रही है.
तो क्या धार्मिक वोट बैंक के लिए शहर में बन रहे द्वार और सामाजिक भवन?
नगर निगम की सत्ता पर काबिज कांग्रेस सरकार ने पिछले दिनों एमआईसी की बैठक में दो समाज के द्वार और एक समाज के शहीद की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव पास किया था. एमआईसी के प्रस्ताव को अब राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है. लोगों का कहना है कि निगम अगर राजनीतिक वोट बैंक साधने की कोशिश कर रही है तो इसका लाभ शायद ही उन्हें होगा. निगम चुनाव में वैसे भी राजनीति नहीं बल्कि व्यक्ति विशेष के आचरण को देखकर वोट डाला जाता है. राजनीतिक पार्टियां पहले सांसद और विधायक के चुनाव में सामाजिक और धार्मिक समीकरण के आधार पर चुनाव लड़ती रही हैं. अब चुनाव धार्मिक प्रभाव से लड़ा जा रहा है. लेकिन अगर निगम चुनाव के लिए नगर निगम धार्मिक वोट बैंक बनाने के लिए शहर में द्वार और सामाजिक भवनों का निर्माण कर रहा है तो उन्हें इसका सीधा लाभ नहीं मिलेगा.
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वोट की राजनीति हम नहीं, भाजपा करती रही है : महापौर
इधर, नगर निगम के महापौर रामशरण यादव ने बताया कि (BJP Congress face to face on beautification of city in Bilaspur ) पिछले कई सालों से कुछ समाज द्वारा शहर के कुछ मुख्य मार्गों के प्रवेश पर अपने समाज के नाम पर शहीदों के नाम पर प्रवेश द्वार की मांग हो रही थी. उनकी मांग पर कुछ सड़कों पर प्रवेश द्वार बनाये जाने के लिए प्रस्ताव पास किये हैं. महापौर ने इस बात को मानने से इनकार किया है कि वोट बैंक की राजनीति वो नहीं बल्कि भाजपा करती रही है. भाजपा के शासनकाल में शहर के करीब 50 से भी ज्यादा समाजों को खुश करने के लिए सामाजिक भवनों का निर्माण कराया गया है. जबकि कांग्रेस के निगम की सरकार ने अभी इसकी शुरुआत भी नहीं की है.
एमआईसी में हुए प्रस्ताव का शुरू हो गया विरोध
फिलहाल मामला जो भी हो, लेकिन पिछले दिनों एमआईसी में हुए प्रस्ताव को लेकर अब विरोध भी शुरू हो गया है. भाजपा के समर्थित संगठन ने एक समाज के द्वार के निर्माण पर विरोध-प्रदर्शन किया और इस मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की. भाजपा के समर्थित संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि एक समाज के द्वार के साथ दूसरे अन्य समाज के द्वार का निर्माण कर कांग्रेस की निगम सरकार उनकी भावना को ठेस पहुंचा रही है. जबकि उनकी बहुत पहले से मांग थी और दूसरे अन्य समाज के लोगों ने मांग भी नहीं की है. उनके समाज के नाम का प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है. इस मामले में भाजपा समर्थित संगठन ने कलेक्टर से शिकायत कर दूसरे अन्य समाज के प्रवेश द्वार के निर्माण पर रोक लगाने की मांग भी की है. अब देखना होगा कि आगे इस मामले में कलेक्टर का क्या निर्णय देते हैं.