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Rakshabandhan Mehndi Design: रक्षाबंधन में मेहंदी के इन लेटेस्ट डिजाइनों की बढ़ी डिमांड, मेहंदी आर्टिस्टों को मिल रही अच्छी कीमत

Rakshabandhan Mehndi Design: रक्षाबंधन में मेहंदी का क्रेज महिलाओं में काफी देखने को मिलता है. कुछ डिजाइन तो ऐसे भी है, जिनकी मुंहमांगी कीमत मेहंदी आर्टिस्टों को मिलती है. बिलासपुर के बाजारों में मेहंदी आर्टिस्टों का बाजार भी सज चुका है. भारी संख्या में महिलाएं यहां मेहंदी लगवाने आ रही हैं.

Mehndi in Bilaspur markets
बिलासपुर के बाजारों में मेहंदी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 30, 2023, 5:17 PM IST

मेहंदी के इन लेटेस्ट डिजाइनों की बढ़ी डिमांड

बिलासपुर: तीज-त्यौहारों में कपड़े, ज्वेलरी के बाजार सजते हैं. हालांकि इन दिनों तीज-त्यौहारों के मौके पर मेहंदी का बाजार भी सजता है. इस बाजार में हिना आर्टिस्ट महिलाओं के हाथों में मेहंदी रचाते हैं और उसकी कीमत अदा करते हैं. रक्षाबंधन त्यौहार पर हर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए राखी के दिन मेहंदी लगाती है. सालों से ये परम्परा चलती आ रही है. बिलासपुर में महिलाएं एवं युवतियां बाजारों में हिना आर्टिस्ट के पास पहुंच रही हैं और अपना पसंदीदा डिजाइन अपने हाथों में लगवा रही हैं.

दूसरे राज्यों से आकर बिलासपुर में मेहंदी लगा रहे मेहंदी आर्टिस्ट: इन दिनों मेहंदी के डिजाइनों में मंडला आर्ट, मधुबनी आर्ट, चूड़ी डिजाइन मेहंदी की डिमांड अधिक है. मेहंदी सोलह श्रृंगारों में एक है. यही कारण है कि महिलाएं तीज त्यौहारों में मेहंदी जरूर लगवाती हैं. हर कोई अपने हाथों में बेहतर डिजाइन की मेहंदी लगवाना चाहता है. इन दिनों हिना डिजाइनर बाजारों में बैठकर महिलाओं को मेहंदी लगाते हैं. इसकी उनको कीमत मिलती है. एक हाथ में अगर बेहतर डिजाइन हो तो हजार से अधिक कीमत देने को भी ग्राहक तैयार हो जाते हैं. इन दिनों बिलासपुर में राजस्थान और दिल्ली से मेहंदी आर्टिस्ट आकर मेहंदी लगा रहे हैं.

महिलाओं के शौक ने इस बाजार को दिया जन्म: दरअसल मेहंदी के इस बाजार को महिलाओं के शौक ने जन्म दिया है. पहले के समय में महिलाएं अपने घरों में ही मेहंदी लगाती थी. हालांकि फैशन के इस दौर में हर कोई बेहतर डिजाइन की मेहंदी लगाने की इच्छा रखता है, लेकिन मेहंदी के डिजाइन को अच्छे से उकेरना हर किसी के बस की बात नहीं होती. इसलिए लोग मेहंदी आर्टिस्ट के पास पहुंचते हैं और अपने पसंद की डिजाइन को हाथों में लगवाते हैं. बिलासपुर के बाजारों में मेहंदी का बाजार साल भर गुलजार रहता है. यहां महिलाएं लाइन लगवाकर मेहंदी लगाती हैं.

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डिजाइनर मेहंदी लगवाने वालों की बढ़ी डिमांड: बिलासपुर के अग्रसेन चौक स्थित कपड़ा बाजार में राजस्थान के मेहंदी आर्टिस्ट मेहंदी लगाने का काम करते हैं. मेहंदी आर्टिस्ट निलेश कुमार ठाकुर ने ईटीवी भारत को बताया कि "इस समय मेहंदी लगवाने वालों की भीड़ अच्छी खासी होती है. महिलाएं छोटे-छोटे फंक्शन के साथ ही तीज-त्यौहारों में भी मेहंदी लगवाती हैं. मेहंदी में वैसे तो सैकड़ों किस्म की डिजाइन होते हैं. महिलाएं सस्ते और महंगे डिजाइन के हिसाब से मेहंदी लगवाती हैं. कई डिजाइनर मेहंदी तो एक हाथ में 2000 रुपए तक की लगाई जाती है. इनमें सबसे ज्यादा जिस मेहंदी डिजाइन की मांग होती है. वह है मंडला आर्ट, मधुबनी, 3डी, राजस्थानी, हाईलाइट, मारवाड़ी, मंडल सर्कल. इन डिजाइनों की मांग काफी अधिक होती है."

मंडला, मधुबनी और लोटस की अधिक डिमांड: मेहंदी आर्टिस्ट अनिल ठाकुर ने ईटीवी भारत को बताया कि, "अधिकतर महिलाएं मंडला, मधुबनी और लोटस डिजाइन की डिमांड करती है. इन डिजाइनों में बारीक कलाकारी होती है, जो कि उभर कर सामने आता है. इन डिजाइनों में पतली-पतली लाइनें होती है. लोटस डिजाइन की मेहंदी होने की वजह से इसमें उभार आता है. साथ ही इन मेहंदी में नेचुरल मेहंदी के साथ अन्य चीजों से कलर लाया जाता है. सभी कलर नेचुरल तरीके से तैयार किए जाते हैं. इससे हाथों में या स्किन में नुकसान नहीं होता. यही वजह है कि महिलाएं इन डिजाइनों को पसंद करती हैं. इन डिजाइनों की ग्राहक कीमत भी मुंहमांगी देते हैं."

मेहंदी का कोर्स पूरा करने में लगता है 1 से 2 साल का वक्त: मेहंदी डिजाइन सीखने में कम से कम 1 साल से 2 साल का वक्त लगता है. मेहंदी लगाने का कोर्स ज्यादातर दिल्ली, मुंबई, आगरा और जयपुर में कराया जाता है. इसे सीखने के लिए एक साल से 2 साल तक का वक्त लगता है. मेहंदी की डिमांड इतनी अधिक होती है कि इन दिनों डिजाइनर मेहंदी लगाने वाले कलाकारों की कमी हो जाती है. त्यौहारों के वक्त मेहंदी लगाने की कीमत में भी इजाफा हो जाता है.

मेहंदी के इन लेटेस्ट डिजाइनों की बढ़ी डिमांड

बिलासपुर: तीज-त्यौहारों में कपड़े, ज्वेलरी के बाजार सजते हैं. हालांकि इन दिनों तीज-त्यौहारों के मौके पर मेहंदी का बाजार भी सजता है. इस बाजार में हिना आर्टिस्ट महिलाओं के हाथों में मेहंदी रचाते हैं और उसकी कीमत अदा करते हैं. रक्षाबंधन त्यौहार पर हर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए राखी के दिन मेहंदी लगाती है. सालों से ये परम्परा चलती आ रही है. बिलासपुर में महिलाएं एवं युवतियां बाजारों में हिना आर्टिस्ट के पास पहुंच रही हैं और अपना पसंदीदा डिजाइन अपने हाथों में लगवा रही हैं.

दूसरे राज्यों से आकर बिलासपुर में मेहंदी लगा रहे मेहंदी आर्टिस्ट: इन दिनों मेहंदी के डिजाइनों में मंडला आर्ट, मधुबनी आर्ट, चूड़ी डिजाइन मेहंदी की डिमांड अधिक है. मेहंदी सोलह श्रृंगारों में एक है. यही कारण है कि महिलाएं तीज त्यौहारों में मेहंदी जरूर लगवाती हैं. हर कोई अपने हाथों में बेहतर डिजाइन की मेहंदी लगवाना चाहता है. इन दिनों हिना डिजाइनर बाजारों में बैठकर महिलाओं को मेहंदी लगाते हैं. इसकी उनको कीमत मिलती है. एक हाथ में अगर बेहतर डिजाइन हो तो हजार से अधिक कीमत देने को भी ग्राहक तैयार हो जाते हैं. इन दिनों बिलासपुर में राजस्थान और दिल्ली से मेहंदी आर्टिस्ट आकर मेहंदी लगा रहे हैं.

महिलाओं के शौक ने इस बाजार को दिया जन्म: दरअसल मेहंदी के इस बाजार को महिलाओं के शौक ने जन्म दिया है. पहले के समय में महिलाएं अपने घरों में ही मेहंदी लगाती थी. हालांकि फैशन के इस दौर में हर कोई बेहतर डिजाइन की मेहंदी लगाने की इच्छा रखता है, लेकिन मेहंदी के डिजाइन को अच्छे से उकेरना हर किसी के बस की बात नहीं होती. इसलिए लोग मेहंदी आर्टिस्ट के पास पहुंचते हैं और अपने पसंद की डिजाइन को हाथों में लगवाते हैं. बिलासपुर के बाजारों में मेहंदी का बाजार साल भर गुलजार रहता है. यहां महिलाएं लाइन लगवाकर मेहंदी लगाती हैं.

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डिजाइनर मेहंदी लगवाने वालों की बढ़ी डिमांड: बिलासपुर के अग्रसेन चौक स्थित कपड़ा बाजार में राजस्थान के मेहंदी आर्टिस्ट मेहंदी लगाने का काम करते हैं. मेहंदी आर्टिस्ट निलेश कुमार ठाकुर ने ईटीवी भारत को बताया कि "इस समय मेहंदी लगवाने वालों की भीड़ अच्छी खासी होती है. महिलाएं छोटे-छोटे फंक्शन के साथ ही तीज-त्यौहारों में भी मेहंदी लगवाती हैं. मेहंदी में वैसे तो सैकड़ों किस्म की डिजाइन होते हैं. महिलाएं सस्ते और महंगे डिजाइन के हिसाब से मेहंदी लगवाती हैं. कई डिजाइनर मेहंदी तो एक हाथ में 2000 रुपए तक की लगाई जाती है. इनमें सबसे ज्यादा जिस मेहंदी डिजाइन की मांग होती है. वह है मंडला आर्ट, मधुबनी, 3डी, राजस्थानी, हाईलाइट, मारवाड़ी, मंडल सर्कल. इन डिजाइनों की मांग काफी अधिक होती है."

मंडला, मधुबनी और लोटस की अधिक डिमांड: मेहंदी आर्टिस्ट अनिल ठाकुर ने ईटीवी भारत को बताया कि, "अधिकतर महिलाएं मंडला, मधुबनी और लोटस डिजाइन की डिमांड करती है. इन डिजाइनों में बारीक कलाकारी होती है, जो कि उभर कर सामने आता है. इन डिजाइनों में पतली-पतली लाइनें होती है. लोटस डिजाइन की मेहंदी होने की वजह से इसमें उभार आता है. साथ ही इन मेहंदी में नेचुरल मेहंदी के साथ अन्य चीजों से कलर लाया जाता है. सभी कलर नेचुरल तरीके से तैयार किए जाते हैं. इससे हाथों में या स्किन में नुकसान नहीं होता. यही वजह है कि महिलाएं इन डिजाइनों को पसंद करती हैं. इन डिजाइनों की ग्राहक कीमत भी मुंहमांगी देते हैं."

मेहंदी का कोर्स पूरा करने में लगता है 1 से 2 साल का वक्त: मेहंदी डिजाइन सीखने में कम से कम 1 साल से 2 साल का वक्त लगता है. मेहंदी लगाने का कोर्स ज्यादातर दिल्ली, मुंबई, आगरा और जयपुर में कराया जाता है. इसे सीखने के लिए एक साल से 2 साल तक का वक्त लगता है. मेहंदी की डिमांड इतनी अधिक होती है कि इन दिनों डिजाइनर मेहंदी लगाने वाले कलाकारों की कमी हो जाती है. त्यौहारों के वक्त मेहंदी लगाने की कीमत में भी इजाफा हो जाता है.

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