बिलासपुर: बिलासपुर हॉली क्रॉस स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आरटीई के बच्चों ने आज मोर्चा खोल दिया है. प्रबंधन की शिकायत को लेकर बच्चे कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां बच्चों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दरअसल, आरटीई के 32 बच्चों का फीस जमा न होने पर स्कूल प्रबंधन ने उन्हें एग्जाम में बैठाने से इंकार कर दिया है. इतना ही नहीं अगस्त तक फीस जमा नहीं होने पर उन्हें स्कूल से निकालने की चेतावनी दी गई है. स्कूल प्रबंधन के इस रवैए के बाद छात्र और उनके पेरेंट्स परेशान हैं.
32 बच्चे बैठे धरने पर: सभी 32 बच्चे और उनके परिजन शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी वे जिला शिक्षा अधिकारी से अपनी समस्या बता चुके हैं. हालांकि कोई फायदा नहीं हुआ. इस वजह से सोमवार को होने वाले एग्जाम में उनके बच्चों को नहीं बिठाने का निर्णय स्कूल की प्रिंसिपल ने सुना दिया है. अब ऐसे में बच्चों का साल खराब होने के साथ ही रोज-रोज उन्हें टीचर से फीस जमा नहीं करने का ताना सुनना पड़ता है.
शासन ने नहीं किया फीस जमा: शिक्षा के अधिकार के तहत बीपीएल राशन कार्ड धारियों के बच्चों को करीब के स्कूलों में निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत बच्चों का फ्री एडमिशन के साथ पूरे साल भर लगने वाले स्कूल फीस से उन्हें निजात दिया गया था.बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान किया जाना था. लेकिन स्कूलों की मनमानी और शिक्षा विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैये से होली क्रॉस स्कूल के लगभग 32 बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने जा रहा है. स्कूल में शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई के तहत पढ़ाई कर रहे बच्चों की फीस जमा की जाती है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों का फीस जमा न होने पर बच्चों को एग्जाम न देने की बात कही गई है.
प्रशासन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन: मामले में बच्चों का कहना है कि शिक्षक उन्हें बार-बार फीस के लिए टोकते हैं. फीस जमा न करने पर स्कूल से निकालने की भी धमकी दे रही हैं. इधर मामले में परिजनों का कहना है कि उन्हें प्रिंसिपल ने कहा है कि आरटीई के तहत बच्चों का फीस शासन से जमा होना है. ये प्रक्रिया शासन और स्कूल प्रबंधन के बीच की है. ऐसे में शासन स्तर पर फीस जमा करने में विलंब होने पर इसकी सजा बच्चों को नहीं मिलनी चाहिए. बच्चे इसका खामियाजा भुगते ये सही नहीं है. बच्चों ने कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है. इस पर प्रशासन ने जल्द उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.