बिलासपुर: bilaspur naap tol department ग्राहकों को दुकानदारों की कालाबाजारी और समान कम वजन से मिलने से बचाने के लिए राज्य शासन का नाप तौल विभाग होता है. जो ऐसे दुकानदारों की चोरी पकड़ता है. जो ग्राहक को कम सामान देते हैं, पर पैसा पूरा लेते हैं. लेकिन ये विभाग भी अन्य विभागों की तरह एक ही राग अलापता है.
शहर से 10 किलोमीटर दूर है विभाग का ऑफिस: शिकायत आने पर करवाई की जाएगी. सबसे खास बात यह है कि नाप तौल विभाग का ऑफिस शहर से 10 किलोमीटर दूर है. इतने दूर कोई कैसे कुछ पैसों के बदले शिकायत करने जाएगा. वो भी बिना किसी पता और फोन नंबर जाने. अजीबो गरीब कार्यालय का अजीबो गरीब कार्य है.
विभाग की न किसी को जानकारी है और न कोई संपर्क सूत्र: आम जनता से जुड़े अति महत्वपूर्ण विभाग को शहर से बाहर रखा गया है. जनता को रोजाना जिस चीज की शिकायत रहती है. जिससे पैसों का नुकसान होता है. उसके समाधान करने वाले विभाग को शहर से इतना दूर रखा गया है. ताकि ना कोई शिकायत हो और ना कोई कार्रवाई. हम नाप तौल विभाग की बात कर रहे हैं जो शहर से इतना बाहर और गुमनामी में पड़ा है. जिसकी न किसी को जानकारी है और न कोई संपर्क सूत्र है.
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कोटा रोड में स्थित है नाप तौल विभाग: नाप तौल विभाग शहर से बाहर कोटा रोड में स्थित है. जो शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर है. यहां शिकायत करने जाने वालों को भी कोई फायदा नहीं होता. क्योंकि अधिकारी तो बैठते ही नहीं. नाप तौल विभाग के कार्यालय जाने पर पता लगता है कि यहां केवल एक स्टेनो और एक क्लर्क ही रहते है.
जानकारी लेने पर पता चलता है कि बिलासपुर के सहायक नियंत्रक का ट्रांसफर रायपुर हो गया है. दुर्ग के सहायक नियंत्रक को बिलासपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वह भी नहीं के बराबर ही आते हैं. अब ऐसे में कोई अगर 10 किलोमीटर की दूरी तय कर वहां पहुंच भी जाए तो फायदा उसे कुछ नहीं होता.