बिलासपुरः विधायक शैलेष पांडेय ने रविवार को बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक के दौरान विधायक ने स्वास्थ्य अधिकारियों एवं चिकित्सकों से विस्तृत आंकड़ों सहित होम आइसोलेशन, टेस्टिंग, ट्रेसिंग, दवाइयां, बेड, वैक्सीनेशन, निजी अस्पतालों सहित सभी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
मीटिंग में स्वास्थ्य अधिकारियों ने होम आइसोलेशन को लेकर बताया कि वर्तमान में 1675 सक्रिय मरीज होम आइसोलेटेड हैं. जिन्हें हर दिन स्वास्थ विभाग फोन के माध्यम से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेता है. यह प्रक्रिया पूरे 10 दिन की होती है. इसके साथ ही परिवार के सदस्यों का भी कोविड टेस्ट होता है. उन्हें आवश्यक दवाइयां घर पहुंचा कर उपलब्ध कराई जाती है.
बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग की बैठक
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो लगभग 150 बच्चे कोरोना संक्रमित हैं. जिन्हें गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीन नहीं लग पाई है. इसके साथ ही विदेशी नागरिक एवं अन्य राज्यों से आने वाले नागरिकों के लिए स्वास्थ्य विभाग को एयरपोर्ट एवं रेलवे जानकारी उपलब्ध कराता है. उसके माध्यम से ट्रेसिंग प्रक्रिया की जाती है. इन सभी का कोविड टेस्ट किया जाता है.
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बच्चों के वैक्सीनेशन का टारगेट तय
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बच्चों के वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 15 से 18 वर्ष के कुल 1 लाख 10 हजार बच्चों को कोविड वैक्सीन लगाया जाना है. जिसके लिए 10 दिन का टारगेट तय किया गया है. अब तक 46 हजार बच्चों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. इसके लिए स्कूलों में शिविर आयोजित कर बच्चों को कोविड वैक्सीन लगाई जा रही है.
बच्चों के इलाज के लिए व्यवस्था
बच्चों के कोरोना संक्रमण की व्यवस्थाओं के संबंध में विधायक शैलेष पांडेय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मरीज के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए. सिम्स में बच्चों के लिए 8 बेड सहित 2 वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था की गई है. जिला अस्पताल में 10 बेड और 1 वेंटिलेटर की व्यवस्था है. निजी अस्पतालों की मनमानी और व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाकर निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है.
स्लम क्षेत्रों में वैक्सीनेशन ड्राइव
स्लम क्षेत्र में रहने वाले लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करने के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे. ताकि स्लम क्षेत्र में वैक्सीन के लिए जो भ्रांतियां फैली है. उसको मिटा कर लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक कर उन्हें वैक्सीन के लाभ और कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के बारे में बताया जा सके. स्वास्थ्य अधिकारियों ने टेस्टिंग के संबंध में बताया कि प्रतिदिन लगभग 4000 लोगों का कोरोना परीक्षण किया जा रहा है.
कोरोना टेस्ट की व्यवस्था
विदेश एवं अन्य राज्यों से हवाई यात्रा के माध्यम से यात्री एयरपोर्ट पहुंचता है तो उसका रेंडम टेस्ट किया जाता है. रेलवे और बस से सफर करने वाले लोगों का काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से कोरोना परीक्षण किया जाता है.
जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, सर दर्द है ऐसे लोगों का भी परीक्षण किया जा रहा है. सिम्स चिकित्सकों ने नगर विधायक शैलेष पांडेय को जानकारी देते हुए बताया कि बिलासपुर सहित आसपास के जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही, मुंगेली, बलौदाबाजार से भी कोविड परीक्षण आरटीपीसीआर सैंपल सिम्स में भेजे जाते हैं.
वर्तमान में सिम्स में पांच कोरोना परीक्षण आरटीपीसीआर मशीनें वायरोलॉजी लैब में स्थापित हैं. जिनमें से तीन मशीनें संचालित की जा रही है. स्टाफ की कमी के कारण दो मशीनें बंद पड़ी है. जानकारी मिलने पर नगर विधायक शैलेष पांडेय ने तत्काल संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ से फोन पर बात कर जरूरी व्यवस्थाएं मजबूत करने की बात कही है.