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bilaspur latest news जूनियर वैज्ञानिक हिमांगी हालदार का कमाल, राख से बनाया सस्ता सैनिटाइजर

bilaspur latest news बिलासपुर शहर की स्टूडेंट हिमांगी हालदार ने देसी तरीके से सबसे कम बजट में राख से सैनिटाइजर तैयार किया है. हिमांगी ने सैनिटाइजर में उन सामानों का इस्तेमाल किया है. जो आसानी से आसपास ही बिना खर्च के ही उपलब्ध हो जाते हैं. हिमांगी को उनके इस कारनामे के लिए दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्कोप कन्वेंशन सेंटर में प्रथम स्थान मिला था. अब वह अपने अविष्कार को फरवरी 2023 में पेरिस के फ्रांस में आयोजित यूएन ग्लोबल फोरम में प्रस्तुति करेंगी. हिमांगी छत्तीसगढ़ और देश की पहली छात्रा है जिन्होंने राख से सैनिटाइजर तैयार किया है.

Himangi haldhar made sanitizer from ashes
जूनियर वैज्ञानिक हिमांगी हलधर का कमाल
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Published : Oct 15, 2022, 1:58 PM IST

Updated : Oct 15, 2022, 2:57 PM IST

बिलासपुर: किसी की प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होता. बस प्रतिभा को पेश करने लिए सच्ची लगन और मेहनत होनी चाहिए. ऐसा ही कुछ कारनामा कर दिखाया है बिलासपुर की जूनियर वैज्ञानिक हिमांगी हालदार (Bilaspur junior scientist Himangi haldhar ) ने. जिनके अविष्कार ने ना सिर्फ छत्तीसगढ़ का बल्कि पूरे देश का नाम गर्व से ऊंचा किया है. हिमांगी के अविष्कार के कारण उन्हें दिल्ली में सम्मानित भी किया जा चुका है.साथ ही उनके इस आविष्कार को फ्रांस में आयोजित होने वाली यूएन ग्लोबल फोरम में भी प्रस्तुत किया जाएगा. ताकि अन्य देशों को भी उनके आविष्कार का फायदा मिल सके.

क्या है हिमांगी का अविष्कार : पावर प्लांट में बिजली पैदा करने के लिए जितने कोयले का इस्तेमाल होता है. उससे भी ज्यादा परेशानी कोयला जलने के बाद पैदा होने वाली राख करती है. अभी तक राख के निपटारे के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई है. देश और दुनिया के वैज्ञानिक और सरकारी संस्थाएं इसके निपटारे के लिए कई तरह की कोशिशें कर रहे हैं. बिलासपुर की छात्रा हिमांगी ने इसी राख से कुछ ऐसा बनाया जो आने वाले दिनों में राख की समस्या से निजात दिला सकता है. हिमांगी ने सैनिटाइजर की डिमांड को देखते हुए राख के गुणों की जानकारी निकालकर राख से सैनिटाइजर तैयार किया है. जूनियर वैज्ञानिक हिमांगी ने बताया कि '' स्कूलों में मिड डे मील की व्यवस्था होती है, लेकिन सामान्य तौर पर हाथ अच्छे से धोने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं होती. जिससे बच्चों कई स्वास्थ्यगत समस्या होती है. इसे देखते हुए सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए जो सबसे कम खर्च वाला सामान हो और उसके फायदे अच्छे रहें. पहले हिमांगी ने कुछ और सोचा फिर बाद में उसने सैनिटाइजर बनाने का फैसला किया." हिमांगी राख के गुणों को जानती थी.इसके अलावा राख में और क्या गुण होते हैं इस पर भी उन्होंने जानकारियां इकट्ठी की और रिसर्च किया. इसके बाद राख से सैनिटाइजर तैयार करने का निर्णय लिया और फिर इस काम में लग (Himangi haldhar made sanitizer from ashes) गई.

मामूली चीजों और राख से बनाया सैनिटाइजर
मामूली चीजों और राख से बनाया सैनिटाइजर

कैसे बनाया राख से सैनिटाइजर : हिमांगी हालदार ने बताया कि '' राख से सैनिटाइजर बनाने की प्रक्रिया काफी आसान है. सबसे पहले लकड़ी के डिब्बे 3 फीट की ऊंचाई की लेनी होगी. इसके बाद लकड़ी के डिब्बे पर एक तरफ दरवाजा लगा दे. उसके टॉप में एक छेद कर दें. छेद के ठीक नीचे दो बड़े बड़े बकेट रखे. बकेट में सबसे नीचे रेत फिर उसके ऊपर पैरा और सबसे ऊपर राख होनी चाहिए. इसके बाद डिब्बे के ऊपर छेद में चाड़ी नुमा डिब्बा रखें. जिससे पानी राख में जमा हो. ऊपर पानी डालने के बाद पानी की सभी गंदगी और दुर्गुण को खत्म कर राख उसे नीचे के लेयर पैरा में उतार देता है. इसके बाद राख के कणों को पैरा रोक लेता है. लेकिन उसकी महीन कणों को सबसे नीचे रखे रेत रोकता है. इसके बाद सैनिटाइजर रूपी पानी बाहर निकलता है. इस प्रक्रिया में पानी डालने से लेकर सैनिटाइजर बाहर निकलने तक लगभग 2 घंटे लगते हैं.लेकिन इस सैनिटाइजर से हाथ साफ करने से हाथ की गंदगी और कीटाणु खत्म हो जाते (sanitizer from ashes) हैं.''

कौन हैं हिमांगी हालदार : हिमांगी शहर के भारत माता स्कूल की 11वीं क्लास की छात्रा हैं. उसके नाम कई और ख़िताब हैं. उसके पिता पानु हालदार भारत माता स्कूल में शिक्षक हैं और वे हिमांगी के गुरु भी है. हिमांगी के इस प्रोजेक्ट को लेकर वे काफी उम्मीद रखें हैं. हिमांगी के पिता पानु हालदार ने बताया कि ''अब वह फरवरी 2023 में फ्रांस में आयोजित यूएन ग्लोबल फोरम में अपनी प्रस्तुति देंगी. छत्तीसगढ़ और देश के लिए यह गौरव का क्षण होगा. उनकी बेटी हिमांगी शुरू से ही साइंस के प्रति रुझान रखती है और लगातार वो कुछ न कुछ करती रहती है. इससे पहले भी हिमांगी स्कूल स्तर पर कई अवॉर्ड जीत चुकी है. वे साइंस एक्जीबिशन में अपने कई अविष्कार के माध्यम से जिले में जूनियर वैज्ञानिक के नाम से जानी जाती है.''

बिलासपुर में जूनियर वैज्ञानिक नाम से मशहूर
बिलासपुर में जूनियर वैज्ञानिक नाम से मशहूर
इन्वरमेंटलिस्ट के रूप में भविष्य बना सकती है हिमांगी : हिमांगी की टीचर पूनम सिंह ने बताया कि '' हिमांगी हमेशा से ही ब्रिलियंट स्टूडेंट रही है. वह साइंस में रुचि रखती है. इससे पहले भी हिमांगी ने कई आविष्कार किए हैं. सबसे खास बात यह है कि हिमांगी चीजों को लेकर काफी जागरूक रहती है. पढ़ाई के दौरान छोटी सी छोटी चीज समझ नहीं आने पर सवाल पूछती है. उसके सवाल में कई बार उसके ही जवाब रहते हैं. इससे तो यह लगता है कि वह जानती तो है लेकिन कंफर्म करने के लिए वह सवाल पूछती हैं.हिमांगी वैज्ञानिक और एनवायरमेंटलिस्ट के रूप में अपना भविष्य बना सकती है.''
सीएम भूपेश ने हिमांगी को किया सम्मानित
सीएम भूपेश ने हिमांगी को किया सम्मानित
सीएम भूपेश भी कर चुके हैं सम्मानित : हिमांगी हालदार की बहुत छोटी उम्र से ही साइंस के प्रति उसकी रूचि रही है. हिमांगी ने कई आविष्कार किए हैं. पिछले दिनों हिमांगी के कुछ अविष्कार पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने उसे सम्मानित किया था. इसके अलावा हिमांगी को प्रदेश के मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी अपने हाथों सम्मान किया है. हिमांगी कई बड़े राजनेताओं और अधिकारियों के हाथों सम्मान प्राप्त कर चुकी है. bilaspur latest news

बिलासपुर: किसी की प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होता. बस प्रतिभा को पेश करने लिए सच्ची लगन और मेहनत होनी चाहिए. ऐसा ही कुछ कारनामा कर दिखाया है बिलासपुर की जूनियर वैज्ञानिक हिमांगी हालदार (Bilaspur junior scientist Himangi haldhar ) ने. जिनके अविष्कार ने ना सिर्फ छत्तीसगढ़ का बल्कि पूरे देश का नाम गर्व से ऊंचा किया है. हिमांगी के अविष्कार के कारण उन्हें दिल्ली में सम्मानित भी किया जा चुका है.साथ ही उनके इस आविष्कार को फ्रांस में आयोजित होने वाली यूएन ग्लोबल फोरम में भी प्रस्तुत किया जाएगा. ताकि अन्य देशों को भी उनके आविष्कार का फायदा मिल सके.

क्या है हिमांगी का अविष्कार : पावर प्लांट में बिजली पैदा करने के लिए जितने कोयले का इस्तेमाल होता है. उससे भी ज्यादा परेशानी कोयला जलने के बाद पैदा होने वाली राख करती है. अभी तक राख के निपटारे के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई है. देश और दुनिया के वैज्ञानिक और सरकारी संस्थाएं इसके निपटारे के लिए कई तरह की कोशिशें कर रहे हैं. बिलासपुर की छात्रा हिमांगी ने इसी राख से कुछ ऐसा बनाया जो आने वाले दिनों में राख की समस्या से निजात दिला सकता है. हिमांगी ने सैनिटाइजर की डिमांड को देखते हुए राख के गुणों की जानकारी निकालकर राख से सैनिटाइजर तैयार किया है. जूनियर वैज्ञानिक हिमांगी ने बताया कि '' स्कूलों में मिड डे मील की व्यवस्था होती है, लेकिन सामान्य तौर पर हाथ अच्छे से धोने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं होती. जिससे बच्चों कई स्वास्थ्यगत समस्या होती है. इसे देखते हुए सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए जो सबसे कम खर्च वाला सामान हो और उसके फायदे अच्छे रहें. पहले हिमांगी ने कुछ और सोचा फिर बाद में उसने सैनिटाइजर बनाने का फैसला किया." हिमांगी राख के गुणों को जानती थी.इसके अलावा राख में और क्या गुण होते हैं इस पर भी उन्होंने जानकारियां इकट्ठी की और रिसर्च किया. इसके बाद राख से सैनिटाइजर तैयार करने का निर्णय लिया और फिर इस काम में लग (Himangi haldhar made sanitizer from ashes) गई.

मामूली चीजों और राख से बनाया सैनिटाइजर
मामूली चीजों और राख से बनाया सैनिटाइजर

कैसे बनाया राख से सैनिटाइजर : हिमांगी हालदार ने बताया कि '' राख से सैनिटाइजर बनाने की प्रक्रिया काफी आसान है. सबसे पहले लकड़ी के डिब्बे 3 फीट की ऊंचाई की लेनी होगी. इसके बाद लकड़ी के डिब्बे पर एक तरफ दरवाजा लगा दे. उसके टॉप में एक छेद कर दें. छेद के ठीक नीचे दो बड़े बड़े बकेट रखे. बकेट में सबसे नीचे रेत फिर उसके ऊपर पैरा और सबसे ऊपर राख होनी चाहिए. इसके बाद डिब्बे के ऊपर छेद में चाड़ी नुमा डिब्बा रखें. जिससे पानी राख में जमा हो. ऊपर पानी डालने के बाद पानी की सभी गंदगी और दुर्गुण को खत्म कर राख उसे नीचे के लेयर पैरा में उतार देता है. इसके बाद राख के कणों को पैरा रोक लेता है. लेकिन उसकी महीन कणों को सबसे नीचे रखे रेत रोकता है. इसके बाद सैनिटाइजर रूपी पानी बाहर निकलता है. इस प्रक्रिया में पानी डालने से लेकर सैनिटाइजर बाहर निकलने तक लगभग 2 घंटे लगते हैं.लेकिन इस सैनिटाइजर से हाथ साफ करने से हाथ की गंदगी और कीटाणु खत्म हो जाते (sanitizer from ashes) हैं.''

कौन हैं हिमांगी हालदार : हिमांगी शहर के भारत माता स्कूल की 11वीं क्लास की छात्रा हैं. उसके नाम कई और ख़िताब हैं. उसके पिता पानु हालदार भारत माता स्कूल में शिक्षक हैं और वे हिमांगी के गुरु भी है. हिमांगी के इस प्रोजेक्ट को लेकर वे काफी उम्मीद रखें हैं. हिमांगी के पिता पानु हालदार ने बताया कि ''अब वह फरवरी 2023 में फ्रांस में आयोजित यूएन ग्लोबल फोरम में अपनी प्रस्तुति देंगी. छत्तीसगढ़ और देश के लिए यह गौरव का क्षण होगा. उनकी बेटी हिमांगी शुरू से ही साइंस के प्रति रुझान रखती है और लगातार वो कुछ न कुछ करती रहती है. इससे पहले भी हिमांगी स्कूल स्तर पर कई अवॉर्ड जीत चुकी है. वे साइंस एक्जीबिशन में अपने कई अविष्कार के माध्यम से जिले में जूनियर वैज्ञानिक के नाम से जानी जाती है.''

बिलासपुर में जूनियर वैज्ञानिक नाम से मशहूर
बिलासपुर में जूनियर वैज्ञानिक नाम से मशहूर
इन्वरमेंटलिस्ट के रूप में भविष्य बना सकती है हिमांगी : हिमांगी की टीचर पूनम सिंह ने बताया कि '' हिमांगी हमेशा से ही ब्रिलियंट स्टूडेंट रही है. वह साइंस में रुचि रखती है. इससे पहले भी हिमांगी ने कई आविष्कार किए हैं. सबसे खास बात यह है कि हिमांगी चीजों को लेकर काफी जागरूक रहती है. पढ़ाई के दौरान छोटी सी छोटी चीज समझ नहीं आने पर सवाल पूछती है. उसके सवाल में कई बार उसके ही जवाब रहते हैं. इससे तो यह लगता है कि वह जानती तो है लेकिन कंफर्म करने के लिए वह सवाल पूछती हैं.हिमांगी वैज्ञानिक और एनवायरमेंटलिस्ट के रूप में अपना भविष्य बना सकती है.''
सीएम भूपेश ने हिमांगी को किया सम्मानित
सीएम भूपेश ने हिमांगी को किया सम्मानित
सीएम भूपेश भी कर चुके हैं सम्मानित : हिमांगी हालदार की बहुत छोटी उम्र से ही साइंस के प्रति उसकी रूचि रही है. हिमांगी ने कई आविष्कार किए हैं. पिछले दिनों हिमांगी के कुछ अविष्कार पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने उसे सम्मानित किया था. इसके अलावा हिमांगी को प्रदेश के मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी अपने हाथों सम्मान किया है. हिमांगी कई बड़े राजनेताओं और अधिकारियों के हाथों सम्मान प्राप्त कर चुकी है. bilaspur latest news
Last Updated : Oct 15, 2022, 2:57 PM IST
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