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रेंट ट्रिब्यूनल में अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर HC में सुनवाई, मुख्य सचिव से जवाब तलब

रेंट ट्रिब्यूनल में अधिकारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से शपथ पत्र के साथ जवाब तलब किया है. पिछले एक साल से रेंट ट्रिब्यूनल में अधिकारियों के पद खाली हैं.

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बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Sep 5, 2020, 12:48 PM IST

बिलासपुर: रेंट ट्रिब्यूनल में अधिकारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने शासन से एक दिन के भीतर जवाब मांगा था, लेकिन शासन की तरफ से सवाल का सही जवाब नहीं मिलने पर जस्टिस पी सैमकोशी की सिंगल बेंच ने चीफ सेक्रेटरी से शपथ पत्र के साथ जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को फिर होगी.

बता दें कि बिलासपुर सिटी कोतवाली चौक पर स्थित अपने दुकान को अशोक कुमार त्रिपाठी ने सुबोध कुमार खंडेलवाल को किराए पर दिया हुआ है. खंडेलवाल परिवार वर्षों से वहां डेयरी की दुकान चला रहा है. किराएदार को दुकान खाली कराने के लिए त्रिपाठी ने खंडेलवाल परिवार को नोटिस जारी किया था. खंडेलवाल परिवार ने नोटिस को रेंट कंट्रोलर के यहां चुनौती दी थी.

पढ़ें- CGPSC प्री मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस हुई पूरी, 11 सितंबर को अगली सुनवाई

मामले की सुनवाई के बाद रेंट कंट्रोलर ने खंडेलवाल परिवार के पक्ष में निर्णय दिया था. जिसके बाद रेंट कंट्रोलर के निर्णय को मकान मालिक अशोक कुमार त्रिपाठी ने रेंट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी है. दूसरी ओर रेंट ट्रिब्यूनल में 24 जून 2019 से अधिकारियों के पद रिक्त होने से मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है. इस पर अशोक कुमार ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

एक साल से खाली है पद

अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि किसी भी ट्रिब्यूनल में अधिकारियों के पद 6 महीने से ज्यादा रिक्त नहीं रखे जा सकते हैं, लेकिन रेंट ट्रिब्यूनल में अधिकारियों के पद 1 साल से अधिक समय से रिक्त होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है.

कोर्ट ने एक दिन के भीतर मांगा था शासन से जवाब

मामले में पिछली बार सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 1 दिन के भीतर शासन से जवाब मांगा था, लेकिन शासन की ओर से पेश किए गए जवाब पर संतुष्टि न जाहिर करते हुए हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से शपथ पत्र के साथ जवाब तलब किया है.

बिलासपुर: रेंट ट्रिब्यूनल में अधिकारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट ने शासन से एक दिन के भीतर जवाब मांगा था, लेकिन शासन की तरफ से सवाल का सही जवाब नहीं मिलने पर जस्टिस पी सैमकोशी की सिंगल बेंच ने चीफ सेक्रेटरी से शपथ पत्र के साथ जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को फिर होगी.

बता दें कि बिलासपुर सिटी कोतवाली चौक पर स्थित अपने दुकान को अशोक कुमार त्रिपाठी ने सुबोध कुमार खंडेलवाल को किराए पर दिया हुआ है. खंडेलवाल परिवार वर्षों से वहां डेयरी की दुकान चला रहा है. किराएदार को दुकान खाली कराने के लिए त्रिपाठी ने खंडेलवाल परिवार को नोटिस जारी किया था. खंडेलवाल परिवार ने नोटिस को रेंट कंट्रोलर के यहां चुनौती दी थी.

पढ़ें- CGPSC प्री मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस हुई पूरी, 11 सितंबर को अगली सुनवाई

मामले की सुनवाई के बाद रेंट कंट्रोलर ने खंडेलवाल परिवार के पक्ष में निर्णय दिया था. जिसके बाद रेंट कंट्रोलर के निर्णय को मकान मालिक अशोक कुमार त्रिपाठी ने रेंट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी है. दूसरी ओर रेंट ट्रिब्यूनल में 24 जून 2019 से अधिकारियों के पद रिक्त होने से मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है. इस पर अशोक कुमार ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

एक साल से खाली है पद

अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि किसी भी ट्रिब्यूनल में अधिकारियों के पद 6 महीने से ज्यादा रिक्त नहीं रखे जा सकते हैं, लेकिन रेंट ट्रिब्यूनल में अधिकारियों के पद 1 साल से अधिक समय से रिक्त होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है.

कोर्ट ने एक दिन के भीतर मांगा था शासन से जवाब

मामले में पिछली बार सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 1 दिन के भीतर शासन से जवाब मांगा था, लेकिन शासन की ओर से पेश किए गए जवाब पर संतुष्टि न जाहिर करते हुए हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से शपथ पत्र के साथ जवाब तलब किया है.

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