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30 सालों से अनुसूचित क्षेत्र में तबादला करने का मामला, HC ने राज्य सरकार को दिया ये आदेश

एक याचिका की सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अनुसूचित क्षेत्रों में तबादला आदेश में संशोधन करने को कहा.

Bilaspur High Court
बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Oct 21, 2020, 11:59 AM IST

बिलासपुर: 30 साल तक अनुसूचितक्षेत्र में काम करने के बाद एक बार फिर अनुसूचित क्षेत्र में किए गए तबादले के आदेश पर संशोधन करने का निर्देश हाईकोर्ट ने राज्य शासन को जारी किया है.

ये है पूरा मामला

याचिकाकर्ता उमाशंकर चंदेल की नियुक्ति ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर साल 1986 में बस्तर जिले के कुंडा में हुई थी. अनुसूचित क्षेत्र में 20 साल की सेवा देने के बाद 2006 में अनुसूचित क्षेत्र मरवाही में उनका तबादला कर दिया गया. यहां 10 साल की सेवा के बाद बिलासपुर जिले के मस्तूरी में स्थानांतरण कर दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद ही याचिकाकर्ता का तबादला एक बार फिर से अनुसूचित क्षेत्र जशपुर में कर दिया गया. लगातार 30 साल तक अनुसूचित क्षेत्र में सेवा देने के बाद एक बार फिर अनुसूचित क्षेत्र में किए गए अपने तबादले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी.

पढ़ें: बड़ा फैसला: छत्तीसगढ़ में धान और गन्ने से बनाया जाएगा एथेनॉल, 54 रुपए लीटर में खरीदेगी केंद्र सरकार

तबादला आदेश में संशोधन का आदेश

याचिकाकर्ता ने अपने वकील सुशोभित सिंह के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि राज्य शासन द्वारा जारी किए गए इस तबादला आदेश पर अदालत रोक लगाए. प्रकरण की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ता के तबादला आदेश में संशोधन करने का निर्देश जारी करते हुए याचिका निराकृत कर दी है.

बिलासपुर: 30 साल तक अनुसूचितक्षेत्र में काम करने के बाद एक बार फिर अनुसूचित क्षेत्र में किए गए तबादले के आदेश पर संशोधन करने का निर्देश हाईकोर्ट ने राज्य शासन को जारी किया है.

ये है पूरा मामला

याचिकाकर्ता उमाशंकर चंदेल की नियुक्ति ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर साल 1986 में बस्तर जिले के कुंडा में हुई थी. अनुसूचित क्षेत्र में 20 साल की सेवा देने के बाद 2006 में अनुसूचित क्षेत्र मरवाही में उनका तबादला कर दिया गया. यहां 10 साल की सेवा के बाद बिलासपुर जिले के मस्तूरी में स्थानांतरण कर दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद ही याचिकाकर्ता का तबादला एक बार फिर से अनुसूचित क्षेत्र जशपुर में कर दिया गया. लगातार 30 साल तक अनुसूचित क्षेत्र में सेवा देने के बाद एक बार फिर अनुसूचित क्षेत्र में किए गए अपने तबादले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी.

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तबादला आदेश में संशोधन का आदेश

याचिकाकर्ता ने अपने वकील सुशोभित सिंह के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि राज्य शासन द्वारा जारी किए गए इस तबादला आदेश पर अदालत रोक लगाए. प्रकरण की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ता के तबादला आदेश में संशोधन करने का निर्देश जारी करते हुए याचिका निराकृत कर दी है.

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