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भूमिहीन कब्जाधारियों को पट्टा वितरण का मामला, HC ने सरकार से मांगा जवाब - चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन पप्पी साहू

राज्य सरकार के पट्टा वितरण से जुड़े फैसले पर हाईकोर्ट ने 10 दिन के भीतर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

पट्टा वितरण पर राज्य सरकार को देना होगा जवाब
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Published : Nov 25, 2019, 5:38 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 5:54 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भूमिहीन कब्जाधारियों को पट्टा वितरण के फैसले को हाईकोर्ट में में चुनौती दी गई है. मामले में सुनवाई के बाद साहू हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस पर 10 दिनों के भीतर जवाब मांगा है.

भूमिहीन कब्जाधारियों को पट्टा वितरण का मामला

बता दें कि राज्य सरकार ने अक्टूबर 2019 को प्रदेश के भूमिहीन कब्जाधारियों को पट्टा वितरण का फैसला लिया था. इसे मधुकर द्विवेदी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

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याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि प्रदेश सरकार यदि ऐसे पट्टा वितरण करने लगी तो राज्य में सरकारी जमीन नहीं बचेगी, जिन पर लोगों का कब्जा है. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के इस आदेश पर रोक लगाने के साथ-साथ इसे रद्द करने की मांग की गई है.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भूमिहीन कब्जाधारियों को पट्टा वितरण के फैसले को हाईकोर्ट में में चुनौती दी गई है. मामले में सुनवाई के बाद साहू हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस पर 10 दिनों के भीतर जवाब मांगा है.

भूमिहीन कब्जाधारियों को पट्टा वितरण का मामला

बता दें कि राज्य सरकार ने अक्टूबर 2019 को प्रदेश के भूमिहीन कब्जाधारियों को पट्टा वितरण का फैसला लिया था. इसे मधुकर द्विवेदी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

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याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि प्रदेश सरकार यदि ऐसे पट्टा वितरण करने लगी तो राज्य में सरकारी जमीन नहीं बचेगी, जिन पर लोगों का कब्जा है. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के इस आदेश पर रोक लगाने के साथ-साथ इसे रद्द करने की मांग की गई है.

Intro:छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भूमिहीन कब्जा धारियों को पट्टा वितरण के फैसले को आज उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई । उच्च न्यायालय ने मामले पर सुनवाई के बाद शासन से 10 दिन में जवाब मांगा है।Body:बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अक्टूबर 2019 को प्रदेश के भूमिहीन कब्जा धारियों को पट्टा वितरण का फैसला लिया गया था। यह पट्टा वितरण बाजार मूल्य से 2% से लेकर 102% की दर से वसूली कर किया जाना था। जिसे मधुकर द्विवेदी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की ओर से अपनी जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार यदि ऐसे पट्टा वितरण करने लगी तो राज्य में सरकारी जमीन नहीं बचेगी जिन पर लोगों का कब्जा है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के इस आदेश पर रोक के साथ-साथ इसे निरस्त करने की मांग की गई है।Conclusion:मामले पर सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन पप्पी साहू की युगल पीठ ने शासन से 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
Last Updated : Nov 25, 2019, 5:54 PM IST
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