बिलासपुरः कई अटकलों के बाद और भाजपा के दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर बिलासपुर लोकसभा सीट से अरुण साव का नाम फाइनल हो गया है. प्रदेश की संवेदनशील सीट बिलासपुर से बीजेपी के प्रत्याशी बने अरुण साव पूर्व उपमहाधिवक्ता रह चुके हैं और संगठन और संघ से उनका गहरा जुड़ाव बताया जा रहा है.
बिलासपुर सीट से बीजेपी के लिए कई दावेदार लाइन में लगे थे. यहां तक कि भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने दिल्ली में डेरा डाल दिया था. पार्टी ने इस बार अपने कठोर क्राइटेरिया के तहत वर्तमान एमपी और हारे या जीते विधायकों को टिकट नहीं मिलेगी यह पहले ही डिक्लेयर कर दिया था. जिसके बाद बिलासपुर सीट से आखिर किसको टिकट मिलेगी ये कहना जरा मुश्किल हो गया था.
पार्टी ने ओबीसी वोट को साधने की कोशिश की है
अरुण साव के अलावा ब्रजेन्द्र शुक्ला जैसे नाम भी प्रमुखता से सामने आ रहे थे और अंत में अरुण साव के नाम पर मुहर लग गई. जानकारों की मानें तो अरुण साव के माध्यम से पार्टी ने ओबीसी वोट को साधने की कोशिश की है और वर्तमान एमपी के खिलाफ बने एंटीएनकम्बेंसी फैक्टर को भी कम करने का प्रयास किया गया है.
बीजेपी प्रत्याशी अरुण साव का संक्षिप्त परिचय
◆ नाम-अरुण साव
◆ जन्मतिथि-25/11/1968
◆ वर्ग-ओबीसी
◆ पैतृक निवास-ग्राम लोहारिया,जिला मुंगेली
◆ शिक्षा- बी कॉम, एलएलबी
◆ वकालत- 1996 से 2000 तक मुंगेली सिविल कोर्ट. वर्ष 2001 से उच्च न्यायालय बिलासपुर.
◆ 2004 में छग शासन के पैनल लॉयर बने
◆ 2005 से 2007 तक उप शासकीय अधिवक्ता
◆ 2008 से अगस्त 2013 तक शासकीय अधिवक्ता
◆ दिसम्बर 2013 से दिसम्बर 2018 तक उपमहाधिवक्ता
पारिवारिक पृष्ठभूमि
- पिता अधिवक्ता अभयराम साव मुंगेली जनसंघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे हैंऔरबीजेपी संगठन के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया.सन 1977 से 2000 तक लोकसभा, विधानसभा चुनाव में जरहागांव विधानसभा के चुनाव संचालक रहे.
- अरुण साव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में जिला मुंगेली के अध्यक्ष के रूप में लम्बे अंतराल तक जुड़े रहे और मुंगेली के एसएनजी कालेज में छात्र संघ चुनाव में भी सक्रिय भागीदारी की.
- 1996 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा में मण्डल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, जिला उपाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों का दायित्व सम्भाला.