गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: हिंसक भालू के हमले से घायल भनवारटंक के वन देवी मरही माता मंदिर के बुजुर्ग पुजारी की इलाज के दौरान मौत हो गई है. वहीं सड़क पर बैठे भालू के ऊपर बाइक सवार ने डर के कारण बाइक चढ़ा दी. भालू बाइक के नीचे दबा गया. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और भालू को बिना बेहोश करे ही सुरक्षित रेस्क्यू कर अपने साथ बिलासपुर कानन पेंडारी ले गई.
बताया यह जा रहा है कि सोमवार को हिंसक भालू को कटघोरा मंडल से रेस्क्यू कर कानन पेंडारी ले जाने की योजना थी, लेकिन वन विभाग ने इस भालू को खोडरी वन क्षेत्र के भनवारटंक जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया. भालू को वन विभाग की टीम ने भनवारटंक के मनिहारी जंगल में छोड़ दिया, जिसने सुबह बुजुर्ग पुजारी पर हमला कर दिया.
सूत्रों के अनुसार कटघोरा वनमंडल से रेस्क्यू कर सोमवार की रात जिस भालू को गौरेला के जंगल में छोड़ा गया था, उसने आतंक मचाना शुरू कर दिया है. कटघोरा में इसी भालू ने एक महिला मार डाला था, एक महिला किसी तरह जान बचाकर भागी थी, हिंसक होने के कारण भालू को रेस्क्यू करने का निर्णय लिया गया, इसके लिए कानन पेंडारी जू की रेस्क्यू टीम पहुंची और सोमवार की शाम को ट्रैक्यूलाइजर गन से बेहोश कर भालू को पकड़ा गया था.
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रात में रेस्क्यू टीम ने भालू को गौरेला के जंगल में छोड़ दिया, उम्मीद थी कि वह जंगल के अंदर जाने के बाद बाहर नहीं आएगा. लेकिन सुबह वह खोडरी-खोंगसरा मार्ग पर पहुंच गया. जिसे सबसे पहले पेंड्रा से बिलासपुर के बीच चलने वाली बस के चालक और यात्रियों ने देखा. भालू सड़क पर ही खड़ा था. किसी तरह ड्राइवर ने किनारे से बस निकाली. बस के पीछे बाइक सवार भी था, जिसने दूर से ही भालू को देख लिया, भालू को नजदीक आता देख बाइक सवार बाइक को छोड़कर भाग निकला. इसी बीच एक और बाइक गुजर रही थी, इसमें भी सवार लोग बाइक छोड़कर भाग निकले.
भालू ने बुजुर्ग का चेहरा नोच डाला
उसी समय एक बुजुर्ग पैदल आ रहा था, जिसे देखते ही भालू ने उसपर हमला कर दिया. बुजुर्ग का चेहरा नोच डाला, खून से लथपथ ग्रामीण सड़क पर बैठ गया. इतने में वन विभाग का अमला पहुंचा. एंबुलेंस बुलाकर घायल को उपचार के लिए पेंड्रा रवाना किया गया. उसने अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया.