गौरेला पेंड्रा मरवाही : प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 33 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं. आंगनबाड़ी वर्कर्स की माने तो 2018 विधानसभा चुनाव के पूर्व छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने वादा किया था कि आंगन महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को सम्मान पूर्वक वेतन दिया जाएगा. साथ ही महिला एवं बाल विकास में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सुपरवाइजर परियोजना अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया जाएगा. सेवानिवृत्ति के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख एवं आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 3 लाख रुपए जीवन निर्वाह भत्ता एक मुफ्त दिया जाएगा.
कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप : हड़ताल कर रहीं कार्यकर्ताओं का कहना है कि ''कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल का 4 वर्ष पूरा कर चुकी है. लेकिन आज तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया. इन्हीं मांगों को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यकर्ता हड़ताल पर है. लेकिन अभी तक कोई भी प्रतिनिधि इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं और मांगों को लेकर मिलने नहीं आया. बीते 33 दिनों में इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग तरीकों से अपनी मांगों को प्रदेश सरकार तक पहुंचाने का प्रदर्शन किया है. लेकिन सरकार के कान में अब तक कोई गूंज नहीं पहुंची है.''
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सरकार को सबक सिखाने की धमकी : प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ''अति का अंत होने का समय आ गया है. महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यकर्ता एकजुट होकर प्रदेश भर में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं. इस अंधी एवं गूंगी सरकार को अपनी मांगों को मनवाने के लिए तरह तरह का प्रदर्शन कर रही है.अब महिला बाल विकास विभाग की कार्यकर्ताओं ने अपना प्रदर्शन करते हुए एवं सरकार को चुनौती दी है. हम नव दुर्गा का रूप लेकर सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं. सरकार हमारी मांगों को नहीं मानी तो हम आने वाले दिनों में उसे सबक सिखा देंगे.''