बिलासपुर : स्कूल शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति मामले में छत्तीसगढ़ सरकार व आलोक शुक्ला को उच्च न्यायालय ने अर्जेंट नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
आलोक शुक्ला को बतौर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग में 3 साल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से संविदा नियुक्ति की गई है. जिसे बीजेपी के रुस्तम भाटी ने जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी है. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आलोक शुक्ला बहुचर्चित नान घोटाले के आरोपी हैं. ऐसे व्यक्ति को राज्य सरकार की तरफ से प्रमुख सचिव के पद पर बैठाना संविदा नियुक्ति में निहित प्रावधानों के खिलाफ है. पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने राज्य सरकार और आलोक शुक्ला को अर्जेंट नोटिस जारी कर 6 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.
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स्कूल परिसर में भवन निर्माण का मामला
एक दूसरे मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन से जवाब मांगा है. शासन की ओर से इसके लिए 2 सप्ताह का समय लिया गया है. दरअसल रायगढ़ जिले में बरमकेला ब्लॉक के ग्राम तोरा में जिला बरगढ़ ओडिशा निवासी सीता राम बिसी की मां ने स्कूल के लिए सालों पहले जमीन दान दी थी. इसी परिसर में ग्राम पंचायत ने भवन का निर्माण शुरू करा दिया. इसका पहले ग्रामीणों ने विरोध किया. प्रशासन से शिकायत करने पर भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो सीताराम, ब्रिन्दावन व अन्य ने एक जनहित याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने पहले यथा स्थिति के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही शिक्षा सचिव, सचिव पंचायत, कलेक्टर व DEO रायगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.