बिलासपुर : 5 दिसंबर 2019 को कंगला मांझी (हीरा सिंह देव) की 35वीं पुण्यतिथि है. उन्होंने ब्रिटिश शासक की गुलामी से भारत को आजाद कराने और समाज को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन के संरक्षण और अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए उन्हें हमेशा से याद किया जाता है. लोहारा ब्लॉक के ग्राम बघमार में उनका समाधि स्थल है, जहां 5 दिसंबर 1984 को मांझी का निधन हुआ था. इसी गांव से उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई शुरू की थी.
मांझी की अपनी एक सरकार है, अपनी वर्दीधारी सेना भी है. इस सरकार का गठन हीरासिंह देव उर्फ कंगला मांझी ने किया था. जो स्वाधीनता संग्राम में छत्तीसगढ़ से अंग्रेजों के खिलाफ अपनी मांझी सेना के साथ लड़े थे. नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज से प्रभावित होकर उन्होंने अपनी सेना को भी वर्दी पहना दी थी. इस सेना का मकसद देशभर के आदिवासियों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ना था.