बीजापुर: सिलगेर में खुले नए पुलिस कैंप के विरोध में शुक्रवार को ग्रामीणों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में बीजापुर और सुकमा जिले के 15 गांवों के ग्रामीण सड़क पर उतर कर नए पुलिस कैंप का विरोध जताया. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच झूमाझटकी भी हुई. इस दौरान पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोल भी छोड़े.
3 अप्रैल को इसी जगह हुई थी मुठभेड़
तर्रेम से लगा सिलगेर वही इलाका है. जहां 3 अप्रैल को पुलिस और नक्सलियों के बीच जमकर मुठभेड़ हुई थी. इस दौरान 22 जवान शहीद हो गए थे. वहीं 31 जवान घायल हुए थे. मुठभेड़ के बाद पुलिस ने यहां कैंप की स्थापना की. जिसे लेकर ग्रामीण विरोध जता रहे हैं.
पुलिस कैंप का ग्रामीणों ने जताया विरोध
शुक्रवार को कैंप के विरोध में बीजापुर और सुकमा जिले के ग्रामीण पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर निर्दोष आदिवासियों के साथ मारपीट का भी आरोप लगाया. ग्रामीण सिलगेर में पुलिस कैंप खोलने का विरोध काफी समय से कर रहे थे. विरोध में शामिल होने आए ग्रामीणों को पहले पुलिस ने समझाइश दी. लेकिन वे नहीं माने. इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई. स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस भी छोड़े. स्थिति बिगड़ता देख मौके पर आला अधिकारी भी पहुंचे. SDOP विनोद मिंज की समझाइश के बाद ग्रामीण लौटे.
ग्रामीणों की आड़ में नक्सली कर रहे पुलिस कैंप का विरोध: बस्तर आईजी
सिलगेर से पास हिड़मा का गृहग्राम पूवर्ती भी
सिलगेर में पुलिस कैंप खोलना यह सुरक्षाबलों की रणनीति का अहम हिस्सा है. दरअसल बीजापुर-सुकमा के सीमा के इलाके में तर्रेम कैंप खोला गया था. तर्रेम से फोर्स को कोर एरिया में घुसने के लिए करीब 9 किमी का सफर करना पड़ता है. सिलगेर में कैप खुलने से पहले सिलगेर और तर्रेम सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा. सिलगेर से नक्सली लीड़र हिड़मा का गृहग्राम तर्रेम भी करीब 5 किमी की दूरी पर है.इसके अलावा जोनागुड़ा, टेकलगुड़ा भी नक्सलियों के कब्जे वाला इलाका है और इन गांवों की दूरी भी पांच से सात किमी है.