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बीजापुर में दो नक्सलियों ने चुन ली नई राह - Mithu Kashyap surrender in Bijapur

बीजापुर पुलिस के सामने दो नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनके ऊपर पुलिस ने इनाम रखा था. दोनों ने नक्सली विचारधारा से तंग आकर समाज के मुख्यधारा में लौटने का फैसला (Two Naxalites chose a new path in Bijapur) किया.

बीजापुर में दो नक्सलियों ने चुन ली नई राह
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Published : May 24, 2022, 6:03 PM IST

बीजापुर : जिले में चलाये जा रहे नक्सली उन्मूलन अभियान (Naxalite eradication campaign in Bastar) के तहत जाटलूर एरिया कमेटी के सीएनएम सदस्य मंगलू मुहंदा उर्फ राजेश और जप्पेमरका मिलिशिया प्लाटून सदस्य बामन पोड़ियामी आत्मसमर्पण किया. जिसमे मंगलू मुहंदा उर्फ राजेश ने माओवदी संगठन में वर्ष 2007 में बाल संघम के रूप में संगठन में भर्ती किया गया. 2007 से 2012 तक उसने बाल संघम के रूप में कार्य किया. वर्ष 2013 में माड़ डिविजन अन्तर्गत जाटलूर एरिया कमेटी अन्तर्गत डीएकेएमएस एरिया कमेटी सदस्य के रूप में उसे पदोन्नत किया गया . पोड़ियामी माओवदी वर्ष 2008 में जप्पेमरका के बाल संघम के रूप में संगठन में भर्ती किया गया था. पोड़यामी 5 नक्सली वारदातों में शामिल था.

ये भी पढ़ें : नक्सलियों के खिलाफ बीजापुर में सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, तेरह नक्सली गिरफ्तार

क्यों किया सरेंडर : दोनों ने नक्सलियों की खोखली विचारधारा, जीवन शैली एवं भेदभाव पूर्ण व्यवहार से त्रस्त होकर होकर ये फैसला लिया. भारत के संविधान में विश्वास रखते हुए, छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर मंगलू मुहंदा उर्फ राजेश और बामन पोड़ियामी (Manglu Munda and Baman Podiami surrendered) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया.

8 लाख के इनामी नक्सली ने भी डाले हथियार : इससे पहले बीजापुर पुलिस के सामने आठ लाख के इनामी नक्सली मीठू कश्यप उर्फ फगनू ने आत्ममसमर्पण (Mithu Kashyap surrender in Bijapur ) किया था. मीठू ने नक्सली प्रताड़ना से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया. मीठू कश्यप ने दिसंबर 2009 में कंपनी नंबर 1 के साथ जिला नारायणपुर बट्टूम क्षेत्र में पुलिस टीम पर एंबुश लगाकर फायरिंग की. इस घटना में पुलिस के दो जवान शहीद हुए थे..

बीजापुर : जिले में चलाये जा रहे नक्सली उन्मूलन अभियान (Naxalite eradication campaign in Bastar) के तहत जाटलूर एरिया कमेटी के सीएनएम सदस्य मंगलू मुहंदा उर्फ राजेश और जप्पेमरका मिलिशिया प्लाटून सदस्य बामन पोड़ियामी आत्मसमर्पण किया. जिसमे मंगलू मुहंदा उर्फ राजेश ने माओवदी संगठन में वर्ष 2007 में बाल संघम के रूप में संगठन में भर्ती किया गया. 2007 से 2012 तक उसने बाल संघम के रूप में कार्य किया. वर्ष 2013 में माड़ डिविजन अन्तर्गत जाटलूर एरिया कमेटी अन्तर्गत डीएकेएमएस एरिया कमेटी सदस्य के रूप में उसे पदोन्नत किया गया . पोड़ियामी माओवदी वर्ष 2008 में जप्पेमरका के बाल संघम के रूप में संगठन में भर्ती किया गया था. पोड़यामी 5 नक्सली वारदातों में शामिल था.

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क्यों किया सरेंडर : दोनों ने नक्सलियों की खोखली विचारधारा, जीवन शैली एवं भेदभाव पूर्ण व्यवहार से त्रस्त होकर होकर ये फैसला लिया. भारत के संविधान में विश्वास रखते हुए, छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर मंगलू मुहंदा उर्फ राजेश और बामन पोड़ियामी (Manglu Munda and Baman Podiami surrendered) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया.

8 लाख के इनामी नक्सली ने भी डाले हथियार : इससे पहले बीजापुर पुलिस के सामने आठ लाख के इनामी नक्सली मीठू कश्यप उर्फ फगनू ने आत्ममसमर्पण (Mithu Kashyap surrender in Bijapur ) किया था. मीठू ने नक्सली प्रताड़ना से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया. मीठू कश्यप ने दिसंबर 2009 में कंपनी नंबर 1 के साथ जिला नारायणपुर बट्टूम क्षेत्र में पुलिस टीम पर एंबुश लगाकर फायरिंग की. इस घटना में पुलिस के दो जवान शहीद हुए थे..

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