बीजापुर: गंगालूर थाना क्षेत्र के 8 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने तेंदूपत्ता की रकम के नकद भुगतान को लेकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब सभी ग्रामीण लामबंद हो गए हैं और अपनी मांगों को लेकर 25 किलोमीटर पैदल चलकर जिला मुख्यालय जा रहे हैं. दूसरी तरफ जिला प्रशासन हितग्राहियों के खाते में भुगतान की रकम डाल रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने 2018 से तेंदूपत्ता का बोनस भी नहीं दिया है.
दरअसल, तेंदूपत्ता बोनस और नकद भुगतान को लेकर 8 ग्राम पंचायतों के 2000 से अधिक ग्रामीण लामबंद हो गए हैं. ये तीर-धनुष लेकर आदिवासी देवी-देवताओं के साथ 25 किलोमीटर पैदल चलकर जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं. गंगालूर इलाके के ग्रामीण प्रशासन के द्वारा बैंक के माध्यम से रकम देने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनको कैश में भुगतान किया जाए.
हाथों में तीर-कमान लेकर निकले आदिवासी
ग्रामीणों का कहना है रविवार को चेरपाल में विश्राम कर सोमवार को वे जिला मुख्यालय में अनिश्चिततकालीन धरना देंगे और रैली भी करेंगे. वे कलेक्टर कार्यालय जा रहे हैं. ग्रामीण नक्सलगढ़ इलाके से अपने हाथों में तीर-कमान और खाने-पीने की चीजें लेकर निकल पड़े हैं.
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2018 से अब तक तेंदूपत्ता का बोनस नहीं मिला
ग्रामीण महिलाओं ने छत्तीसगढ़ सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि 2018 से अब तक तेंदूपत्ता का बोनस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता के लिए खाते में भुगतान किया जा रहा है, लेकिन वे बैंक में खाता नहीं खुलवा सकते और इसमें इन्हें कई कठिनाईयां भी हैं.