बीजापुर: सिलगेर गोलीकांड में सरकार की तरफ से गठित बस्तर सांसद के साथ 9 सदस्यों वाली टीम मौके के लिए तो निकले, लेकिन वे सिलेगर तक नहीं पहुंच पाए. खराब सड़क, तेज बारिश और सुरक्षा कारण से सभी सिलगेर और तर्रेम के बीच घटना स्थल से 5 किलोमीटर दूर ही सभी ने ग्रामीणों को बुलाकर उनसे करीब 3 घंटे तक बात की. ग्रामीणों से बात कर जांच टीम वहीं से वापस बीजापुर लौट आई.
बताया जा रहा है कि सड़क के बीचोबीच एक पुलिया बनने की वजह से जांच टीम वहां तक नहीं सकी है. ग्रामीण सिलगेर से 5 किलोमीटर दूर जाकर जांच टीम को आपबीती बताई है. ग्रामीणों की बातें सुनने के बाद सभी वापस बीजापुर लौट गए हैं. टीम ग्रामीणों से बातचीत के आधार पर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है और न ही जांच टीम ने मीडिया को ये बताया है कि ग्रामीणों ने उन्हें क्या बताया है. बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी के साथ वरिष्ठ विधायक और बस्तर प्रधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल और जांच सदस्यों की टीम ने ग्रामीणों से 3 घंटे तक बात की है. इन सबके बीच एक और बात सामने आ रही है कि जांच टीम एक बार और ग्रामीणों से मुलाकात करेगी.
सिलगेर गोलीकांड: घटनास्थल पहुंची सांसद दीपक बैज के नेतृत्व में 9 सदस्यीय जांच टीम
जांच दल में कौन-कौन है शामिल
जांच दल में मंत्री कवासी लखमा (Minister Kawasi Lakhma) को छोड़कर बस्तर संभाग के सभी आदिवासी विधायक शामिल हैं. बस्तर सांसद दीपक बैज (Bastar MP Deepak Baij) की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों की जांच समिति में बस्तर विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण (Bastar Development Authority) के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, केशकाल विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम, दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, कांकेर विधायक एवं संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, बीजापुर विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, नारायणपुर विधायक और छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड (Chhattisgarh Hand Crafts Development Board) के अध्यक्ष चंदन कश्यप शामिल हैं. इसके साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन के प्रतिनिधि भी इस टीम में शामिल हैं.
Silger firing case: सिलगेर गोलीकांड मामला, बीजेपी जांच दल को आधे रास्ते से लौटना पड़ा वापस
कांग्रेस के जांच दल पर उठे सवाल
कांग्रेस कमेटी की ओर से बनाए गए इस जांच दल को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. आदिवासी महासभा के अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने इस जांच दल में कोंटा विधानसभा के विधायक और आबकारी मंत्री कवासी लखमा (minister kawasi lakhma) को शामिल नहीं किए जाने पर एतराज जताया है. उनका कहना है कि यह क्षेत्र कोंटा विधानसभा में आता है. ऐसे में स्थानीय विधायक को जांच दल में क्यों नहीं रखा गया. यह समझ से परे है.
सिलगेर गोलीकांड: CPI ने की न्यायिक जांच की मांग, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
कैसे हुई थी घटना?
सुरक्षाबल लगातार बस्तर के कोर इलाकों में कैंप स्थापित कर रहे हैं. पुलिस की माने तो नक्सलियों के दबाव में ग्रामीण इन कैंप का विरोध कर रहे हैं. 16 मई को भी इसी तरह 3 हजार के लगभग ग्रामीण सिलगेर में स्थापित हो रहे कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. आंदोलन अचानक उग्र हुआ और ग्रामीण कैंप के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. इस दौरान दोनों ओर से गोलीबारी हुई थी.