बीजापुर: प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री और बीजापुर जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कार्यों की समीक्षा की. मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जिले में कोविड-19 से बचाव, नियंत्रण और रोकथाम सहित चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की. वहीं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में बस्तर सांसद दीपक बैज और विधायक विक्रम शाह मंडावी शामिल हुए.
प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर के डी कुंजाम से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जिले में किए जा रहे कामों की विस्तार से जानकारी ली. प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर और सभी विभागीय अधिकारियों को कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिलें में वनोपज आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा देने को कहा, जिससे लोगों को बेहतर रोजगार मिल सके और आने वाले समय में जिले से रोजगार के लिए कोई भी मजदूर पलायन न कर सके.
मंत्री ने ली वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कार्यों की समीक्षा
मंत्री अग्रवाल ने इस वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में बीजापुर जिले में कोरोना वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की. इसके साथ ही जिला अस्पताल और कोविड-19 के लिए बनाए गए अस्पतालों, आईसोलेशन वार्डों और कोरोना टेस्टिंग के संबंध में जानकारी ली. कलेक्टर ने बताया कि 'जिले में कोरोना संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है. अभी तक जिले में कोई भी संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है'.
कलेक्टर ने दी जानकारी
कलेक्टर ने बताया कि 'जिले में कोरोना के लिए अस्पताल बनाया गया है, जहां पर आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है'. कलेक्टर ने राजस्व प्रकरण कि जानकारी देते हुए बताया कि 'विवादित प्रकरणों में लगभग 72 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है. वहीं जिले में अविवादित प्रकरण नहीं है, इसके साथ ही सीमांकन के 80 प्रकरण पूरे हो चुके हैं. राजस्व मंत्री ने बीजापुर जिले में बाहर से आने वाले मजदूरों के बारे में भी पूछताछ की'.
मनरेगा के तहत 22 हजार मजदूर कर रहे काम
मंत्री अग्रवाल ने मजदूरों के साथ ही जिले के ग्रामीणों को मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराने की जानकारी भी ली. जिला पंचायत बीजापुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि 'मनरेगा के माध्यम से जिले में लगभग 22 हजार मजदूर काम कर रहें हैं'. सीईओ ने बताया कि 'मनरेगा के तहत 91 ग्रामों में काम चल रहा है, जिसमें 600 डबरी और 500 तालाब का काम है'. सीईओ ने आगे बताया कि 'बीजापुर में बैंकों की सीमित शाखाओं में भीड़ नियंत्रित करने के लिए मनरेगा मजदूरी का भुगतान नगद किया जा रहा है'. सीईओ ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बीजापुर जिले में स्वसहायता समूहों के माध्यम से 50 हजार से ज्यादा मास्क बनवाकर लोगों को उपलब्ध कराए गए हैं'.
मंत्री ने ली लघु वनोपज संग्रहण और खरीदी की जानकारी
राजस्व मंत्री ने बीजापुर जिले में वनवासियों से लघु वनोपज संग्रहण और खरीदी की जानकारी भी अधिकारियों से ली. उन्होंने ईमली, महुआ, टोरा और तेंन्दुपत्ता के संग्रहण के बारे में अधिकारियों से पूछा. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'बीजापुर जिले में ईमली, महुआ सहित अभी तक साढ़े चार हजार क्विंटल वनोपज का संग्रहण किया जा चुका है. इसके लिए वनवासियों और संग्राहकों को डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया '. कलेक्टर ने बताया कि 'कई सालों से बंद बांस उत्पादन को बीजापुर जिले में फिर से शुरू किया गया है, जिससे इस साल लगभग 9 लाख बांस की कटाई की गई है, जिसमें मजदूरों को 3 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है'.
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बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने मंत्री जयसिंह अग्रवाल से आग्रह करते हुए कहा कि 'जिले में वनोपज संग्राहकों का भुगतान चेक के माध्यम से किया जा रहा है, जो की वर्तमान समय में कोरोना के खतरे को देखते हुए बेहद चिंतनीय है. लोगों को नगद लेने के लिए बैंक का चक्कर लगाना पड़ रहा है. अगर भुगतान राशि को नगद देने कि सुविधा किया जाए तो लोगों को समस्या का सामना करना नहीं पड़ेगा. इस पर मंत्री जयसिंह ने वनोपज संग्राहकों को वनोपज के उचित दाम नगद उपलब्ध करने के लिए अधिकारियों को समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं'.