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मनरेगा के कार्य में भ्रष्टाचार किए जाने का पंचायत सदस्य ने लगाया आरोप

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Published : Oct 11, 2020, 12:54 PM IST

मनरेगा के तहत जिला पंचायत सदस्य ने संबंधित विभाग पर भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप लगाया है. पंचायत सदस्य ने आरोप लगाया है कि नहर के रिटर्निंग वॉल के निर्माण को 6 हिस्सों में बांटकर 6 निर्माण कार्य कराया जा रहा है. जबकि नियमों में ऐसा करने का प्रावधान ही नहीं है.

Panchayat member
पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी

बीजापुर: जिला पंचायत सदस्य ने मनरेगा के तहत संबंधित विभाग पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है. जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने कहा कि 15 साल पहले बने नहर के दोनों तरफ रिटर्निंग वॉल बनाने के लिए उसे 6 हिस्सों में बाट दिया गया है. जबकि कुल 1200 मीटर रिटर्निंग वॉल का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित था.

Panchayat member accused of corruption in MGNREGA work in bijapur
आदेश की कॉपी

पढ़ें- बीजापुर: 2 नक्सली गिरफ्तार, डकैती और पुलिस पार्टी पर हमला करने का आरोप

बसंत राव ताटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में संबंधित विभाग पर भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप लगाया है. जिला पंचायत सदस्य ताटी ने बताया कि जनपद पंचायत भोपालपटनम के अंतर्गत ग्राम अर्जुनल्ली जल उदवहन सिंचाई योजनातंर्गत 15 साल पहले निर्मित नहर के दोनों किनारे रिटर्निंग वाल निर्माण कार्य के लिए संबंधित विभाग ने समस्त नियमों को ताक में रखते हुए मनरेगा के तहत आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत बीजापुर के जारी आदेश का अवलोकन करने के बाद ये पता चला कि अर्जुनल्ली में नहर के दोनों किनारे कुल 1200 मीटर रिटर्निंग वाल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन संबंधित विभाग ने जल संसाधन विभाग से सांठगांठ कर एक दीवार को 6 भागों में बांटते हुए पार्ट 1 से 6 तक कुल 6 कार्य बताते हुए 1 करोड़ 5 लाख 34 हजार रुपए की स्वीकृति आदेश जारी किया है. जबकि नियमों में ऐसा करने का प्रावधान ही नहीं है.

अलग-अलग कार्य का दिया आदेश

पंचायत सदस्य ने कहा कि संबंधित विभाग ने व्यक्तिगत रूप से जल संसाधन विभाग को लाभ पहुंचाने की नीयत से ही ऐसा विसंगति पूर्ण आदेश जारी किया है.ताटी ने बताया की इस रिटर्निंग वाल के निर्माण कार्य के लिए यदि खंड-खंड में कार्य की प्रगति को देखते हुए अलग-अलग कार्य आदेश जारी किया जाता है तो यह कार्य ग्राम पंचायत के अधीन हो जाता. इस रिटर्निंग वॉल को एक कार्य मानते हुए यदि एक साथ स्वीकृति आदेश जारी किया जाता तो यहां कार्य निविदा प्रक्रिया के अधीन होता.

पैसा बहाने के बाद भी नहीं हो पा रही योजना सफल

ताटी ने इस संपूर्ण मामले से जिला कलेक्टर को भी अवगत कराया है. जिला पंचायत सदस्य ने जल संसाधन विभाग पर यह भी आरोप लगाया है कि एक ओर पिछले पंद्रह वर्षों तक पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद भी आज तक उक्त योजना सफल नहीं हो पायी है. वहीं दूसरी ओर जिस रिटर्निंग वॉल की स्वीकृति 8 माह पूर्व दी गई वह भी आज तक अपूर्ण होते हुए कार्य से अधिक राशि का आहरण संबंधित एजेंसी के लिए जाने की आशंका जताई जा रही है.

बीजापुर: जिला पंचायत सदस्य ने मनरेगा के तहत संबंधित विभाग पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है. जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने कहा कि 15 साल पहले बने नहर के दोनों तरफ रिटर्निंग वॉल बनाने के लिए उसे 6 हिस्सों में बाट दिया गया है. जबकि कुल 1200 मीटर रिटर्निंग वॉल का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित था.

Panchayat member accused of corruption in MGNREGA work in bijapur
आदेश की कॉपी

पढ़ें- बीजापुर: 2 नक्सली गिरफ्तार, डकैती और पुलिस पार्टी पर हमला करने का आरोप

बसंत राव ताटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में संबंधित विभाग पर भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप लगाया है. जिला पंचायत सदस्य ताटी ने बताया कि जनपद पंचायत भोपालपटनम के अंतर्गत ग्राम अर्जुनल्ली जल उदवहन सिंचाई योजनातंर्गत 15 साल पहले निर्मित नहर के दोनों किनारे रिटर्निंग वाल निर्माण कार्य के लिए संबंधित विभाग ने समस्त नियमों को ताक में रखते हुए मनरेगा के तहत आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत बीजापुर के जारी आदेश का अवलोकन करने के बाद ये पता चला कि अर्जुनल्ली में नहर के दोनों किनारे कुल 1200 मीटर रिटर्निंग वाल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन संबंधित विभाग ने जल संसाधन विभाग से सांठगांठ कर एक दीवार को 6 भागों में बांटते हुए पार्ट 1 से 6 तक कुल 6 कार्य बताते हुए 1 करोड़ 5 लाख 34 हजार रुपए की स्वीकृति आदेश जारी किया है. जबकि नियमों में ऐसा करने का प्रावधान ही नहीं है.

अलग-अलग कार्य का दिया आदेश

पंचायत सदस्य ने कहा कि संबंधित विभाग ने व्यक्तिगत रूप से जल संसाधन विभाग को लाभ पहुंचाने की नीयत से ही ऐसा विसंगति पूर्ण आदेश जारी किया है.ताटी ने बताया की इस रिटर्निंग वाल के निर्माण कार्य के लिए यदि खंड-खंड में कार्य की प्रगति को देखते हुए अलग-अलग कार्य आदेश जारी किया जाता है तो यह कार्य ग्राम पंचायत के अधीन हो जाता. इस रिटर्निंग वॉल को एक कार्य मानते हुए यदि एक साथ स्वीकृति आदेश जारी किया जाता तो यहां कार्य निविदा प्रक्रिया के अधीन होता.

पैसा बहाने के बाद भी नहीं हो पा रही योजना सफल

ताटी ने इस संपूर्ण मामले से जिला कलेक्टर को भी अवगत कराया है. जिला पंचायत सदस्य ने जल संसाधन विभाग पर यह भी आरोप लगाया है कि एक ओर पिछले पंद्रह वर्षों तक पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद भी आज तक उक्त योजना सफल नहीं हो पायी है. वहीं दूसरी ओर जिस रिटर्निंग वॉल की स्वीकृति 8 माह पूर्व दी गई वह भी आज तक अपूर्ण होते हुए कार्य से अधिक राशि का आहरण संबंधित एजेंसी के लिए जाने की आशंका जताई जा रही है.

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