बीजापुर: छत्तीसगढ़ में आतंक फैलाने वाले नक्सली कोरोना संक्रमण के खौफ में हैं. जिले के मोदकपाल थाना क्षेत्र में आने वाले पेद्दाकवाली के जंगल में पुलिस को एक महिला नक्सली मिली है. जानकारी के मुताबिक नक्सल संगठन ने कोविड-19 महामारी के लक्षण दिखने पर महिला को बाहर का रास्ता दिखा दिया. सर्चिंग के दौरान मिली इस महिला नक्सली को हिरासत में लेकर अस्पताल में उसकी स्वास्थ्य जांच कराई गई है और उसे क्वॉरेंटाइन में रखा गया है.
संदिग्ध महिला के मिलने की सूचना मिलते ही बीजापुर DRG जवानों को पेद्दाकवाली के लिए रवाना किया गया था. सर्चिंग के दौरान पेद्दाकवाली के जंगल में मिली महिला ने पूछताछ में अपना नाम सावित्री चापा बताया है, जो साल 2010 से नक्सली संगठन में भर्ती होकर अलग-अलग पदों पर काम कर रही थी. वह वर्तमान में बटालियन में कंपनी नम्बर-1 के प्लाटून नम्बर-3 की सक्रिय सदस्य के रूप में काम करती है.
कोरोना के लक्षण मिलने पर की छुट्टी
वर्तमान में महिला को सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत होने पर बटालियन के नक्सलियों को यह आशंका हुई कि महिला कोरोना से पीड़ित तो नहीं. इसे देखते हुए संगठन ने महिला की बटालियन से छुट्टी कर दी. लगातार 10 सालों से नक्सली संगठन में रहकर काम करने के बाद छुट्टी किए जाने पर महिला सावित्री चापा परिजनों के पास आने के उद्देश्य से पेद्दाकवाली जंगल में आकर रुकी हुई थी.
नक्सली संगठन में कोरोना का डर
सावित्री चापा ने बताया कि संगठन में दूसरे कई नक्सली सदस्यों को सर्दी, खांसी, बुखार और उल्टी-दस्त की शिकायत है. जिससे बटालियन के नक्सली कोरोना के संक्रमण से डरे हुए हैं. इसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है. यही वजह है कि बटालियन में नक्सलियों को सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिखने पर संगठन से उनकी छुट्टी कर दी जा रही है.
सर्चिंग में मिली महिला नक्सली का कोरोना जांच
जंगल में सर्चिंग के दौरान मिली नक्सली महिला को हिरासत में लेकर अस्पताल में उसकी स्वास्थ्य जांच करााई गई और उसे क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद नक्सली महिला से पूछताछ की जाएगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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बीजापुर पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि ऐसे नक्सली जो कोरोना के डर से अपना संगठन छोड़कर गांव वापस आ रहे हैं उनकी जानकारी नजदीकी थाना, चौकी या पुलिस कैम्पों में जरूर दें. जिससे उन सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा सके और कोरोना के संक्रमण से उन्हें बचाया जा सके.