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जानिए क्यों नक्सल आतंक से बीजापुर के गांव हुए मुक्त ? - सीएम भूपेश का बस्तर दौरा

सीएम भूपेश बीजापुर में ग्रामीणों से भेंट-मुलाकात कर रहे (CM Bhupesh visit to Bastar) हैं. उन्होंने एक बार फिर नक्सलियों से वार्ता की बात कही है.

Know why the villages of Naxal terror Bijapur became free
जानिए क्यों नक्सल आतंक से बीजापुर के गांव हुए मुक्त
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Published : May 20, 2022, 1:39 PM IST

Updated : May 20, 2022, 2:52 PM IST

बीजापुर : सीएम भूपेश बघेल बीजापुर (CM Bhupesh Baghel in Bijapur) के दौरे पर हैं. शासकीय योजनाओं के बारे में जानकारी लेने वो जनता के बीच जा रहे हैं. सीएम भूपेश ने गांवों के दौरे से पहले प्रेसवार्ता में कहा कि ''बस्तर छत्तीसगढ़ का अहम हिस्सा है. इस क्षेत्र का विकास बेहद जरुरी है. हम योजनाएं बनाते हैं ताकि वो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. लेकिन क्या योजनाओं का फायदा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है. इसकी जमीनी हकीकत जानने और शासकीय काम हो रहे हैं या नहीं उसका आकलन करने के लिए मैं खुद आया हूं.''


नक्सलियों पर फिर कही बात : सीएम भूपेश ने कहा ''बस्तर की जमीन शांति का टापू हुआ करती थी. ये भू-भाग समृद्धि के साथ अपने अंदर कई सारी चीजें समेटे हुआ था. लेकिन नक्सलियों के आने के कारण सारा बस्तर बदल गया. यहां की धरती खून से लाल हो गई. लोग आतंक और डर के साए में जीने को मजबूर थे. अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. जन-जीवन पटरी पर लौट रहा है.''

''नक्सलवाद नहीं हुआ है खत्म'' : सीएम भूपेश ने कहा कि नक्सलवाद को पूरी तरह से मिटाना एक चुनौती है. अब भी कई क्षेत्रों में नक्सलवाद खत्म नहीं हुआ है. फिर भी कई इलाकों में जहां नक्सलियों का खौफ था, वो आज नक्सली आतंक से बाहर आए हैं. इन इलाकों के लोग अब सामान्य जीवन जी रहे हैं.

क्यों हुए गांव नक्सलियों से मुक्त : बीजापुर के सुदूर इलाकों में शासन-प्रशासन की योजनाओं का असर (Villages of Bijapur free from Naxal violence) दिखा. उन इलाकों तक पुलिस फोर्स पहुंची, जहां तक पहुंचना नामुमकिन था. इसके बाद गांवों के अंदर सड़कों का जाल बिछा. जिला मुख्यालय से गांवों की कनेक्टिवटी आसान हुई. सड़क बनने से स्कूल, पुलिस फोर्स , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पीडीएस दुकान और आंगनबाड़ी जैसी सुविधाएं गांवों में आई. जिसके कारण ग्रामीणों को समझ में आ गया है कि बंदूक से नहीं बल्कि योजनाओं के कारण ही सुविधाएं मिल सकती हैं.

ये भी पढ़ें : सीएम भूपेश के प्रवास के विरोध में नक्सलियों ने फेंके पर्चे, मद्देड जाना कैंसिल

ईटीवी भारत की खबर का भी जिक्र : सीएम भूपेश बघेल ने अपनी प्रेसवार्ता में ईटीवी भारत की खबर का भी जिक्र किया. जिसमें भोपालपट्टनम ब्लॉक के मद्देड़ गांव में सीएम की जनचौपाल नहीं हो पाई. सीएम भूपेश ने कहा कि ''मद्देड़ में सभा होनी थी. लेकिन समय के अभाव के कारण उस इलाके में नहीं जा पाया. लेकिन ग्रामीणों को निराश होने की जरुरत नहीं है. मद्देड़ को उप तहसील के अलावा दूसरी सौगातें भी दी जा रही है.'' वहीं सिलगेर वाले मामले को लेकर सीएम ने कहा कि ''हम जनता के साथ हैं''.

सीएम भूपेश ने नक्सल क्षेत्र को दी सौगात

क्यों हुआ था मद्देड़ जाना कैंसिल :मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां मद्देड़ में की जा रही थी. जिसे लेकर नक्सलियों ने अपना विरोध दर्ज कर ढकोसला बताया. वहीं मुख्यमंत्री का दौरा मद्देड़ में ना होकर आवापल्ली और कुटरू किए जाने को लेकर क्षेत्रीय जनता में नाराजगी देखने को मिली है. भोपालपट्टनम ब्लॉक के ग्रामीण मुख्यमंत्री के मद्देड़ प्रोग्राम को लेकर काफी खुश थे.

बीजापुर : सीएम भूपेश बघेल बीजापुर (CM Bhupesh Baghel in Bijapur) के दौरे पर हैं. शासकीय योजनाओं के बारे में जानकारी लेने वो जनता के बीच जा रहे हैं. सीएम भूपेश ने गांवों के दौरे से पहले प्रेसवार्ता में कहा कि ''बस्तर छत्तीसगढ़ का अहम हिस्सा है. इस क्षेत्र का विकास बेहद जरुरी है. हम योजनाएं बनाते हैं ताकि वो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. लेकिन क्या योजनाओं का फायदा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है. इसकी जमीनी हकीकत जानने और शासकीय काम हो रहे हैं या नहीं उसका आकलन करने के लिए मैं खुद आया हूं.''


नक्सलियों पर फिर कही बात : सीएम भूपेश ने कहा ''बस्तर की जमीन शांति का टापू हुआ करती थी. ये भू-भाग समृद्धि के साथ अपने अंदर कई सारी चीजें समेटे हुआ था. लेकिन नक्सलियों के आने के कारण सारा बस्तर बदल गया. यहां की धरती खून से लाल हो गई. लोग आतंक और डर के साए में जीने को मजबूर थे. अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. जन-जीवन पटरी पर लौट रहा है.''

''नक्सलवाद नहीं हुआ है खत्म'' : सीएम भूपेश ने कहा कि नक्सलवाद को पूरी तरह से मिटाना एक चुनौती है. अब भी कई क्षेत्रों में नक्सलवाद खत्म नहीं हुआ है. फिर भी कई इलाकों में जहां नक्सलियों का खौफ था, वो आज नक्सली आतंक से बाहर आए हैं. इन इलाकों के लोग अब सामान्य जीवन जी रहे हैं.

क्यों हुए गांव नक्सलियों से मुक्त : बीजापुर के सुदूर इलाकों में शासन-प्रशासन की योजनाओं का असर (Villages of Bijapur free from Naxal violence) दिखा. उन इलाकों तक पुलिस फोर्स पहुंची, जहां तक पहुंचना नामुमकिन था. इसके बाद गांवों के अंदर सड़कों का जाल बिछा. जिला मुख्यालय से गांवों की कनेक्टिवटी आसान हुई. सड़क बनने से स्कूल, पुलिस फोर्स , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पीडीएस दुकान और आंगनबाड़ी जैसी सुविधाएं गांवों में आई. जिसके कारण ग्रामीणों को समझ में आ गया है कि बंदूक से नहीं बल्कि योजनाओं के कारण ही सुविधाएं मिल सकती हैं.

ये भी पढ़ें : सीएम भूपेश के प्रवास के विरोध में नक्सलियों ने फेंके पर्चे, मद्देड जाना कैंसिल

ईटीवी भारत की खबर का भी जिक्र : सीएम भूपेश बघेल ने अपनी प्रेसवार्ता में ईटीवी भारत की खबर का भी जिक्र किया. जिसमें भोपालपट्टनम ब्लॉक के मद्देड़ गांव में सीएम की जनचौपाल नहीं हो पाई. सीएम भूपेश ने कहा कि ''मद्देड़ में सभा होनी थी. लेकिन समय के अभाव के कारण उस इलाके में नहीं जा पाया. लेकिन ग्रामीणों को निराश होने की जरुरत नहीं है. मद्देड़ को उप तहसील के अलावा दूसरी सौगातें भी दी जा रही है.'' वहीं सिलगेर वाले मामले को लेकर सीएम ने कहा कि ''हम जनता के साथ हैं''.

सीएम भूपेश ने नक्सल क्षेत्र को दी सौगात

क्यों हुआ था मद्देड़ जाना कैंसिल :मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां मद्देड़ में की जा रही थी. जिसे लेकर नक्सलियों ने अपना विरोध दर्ज कर ढकोसला बताया. वहीं मुख्यमंत्री का दौरा मद्देड़ में ना होकर आवापल्ली और कुटरू किए जाने को लेकर क्षेत्रीय जनता में नाराजगी देखने को मिली है. भोपालपट्टनम ब्लॉक के ग्रामीण मुख्यमंत्री के मद्देड़ प्रोग्राम को लेकर काफी खुश थे.

Last Updated : May 20, 2022, 2:52 PM IST
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