बीजापुर : जिले के तर्रेम के जंगलों में नक्सलियों ने जवानों को घेर रखा था. इस दौरान हमारे कई जवान नक्सलियों के साथ बहादुरी से लड़े. मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए और 31 जवान घायल हुए हैं. घायल जवानों का रायपुर और बीजापुर में इलाज चल रहा है. ETV भारत ने बीजापुर में भर्ती जवान घायल जवान से बातचीत की.
वीर जवानों की जुबानी, बीजापुर मुठभेड़ की कहानी
सवाल : नक्सलियों से आप लोगों की मुठभेड़ कहां हुई?
जवाब : नक्सली बड़ी संख्या में वहां मौजूद थे. हम ऑपरेशन पूरा कर वहां से निकल रहे थे. इस बीच सभी जवान पानी पीने रुके थे. तब तक नक्सलियों ने हमें घेर लिया था. इस दौरान दोनों तरफ से बराबर फायरिंग हुई. मुझे हाथ में गोली लगी थी.
सवाल : नक्सलियों ने योजनाबद्ध तरीके से हमला किया?
जवाब : ये गर्मी का समय है इस टाइम लोग महुआ बिनने जाते हैं. जंगल की तरफ ऊपर पहाड़ी से कई महिलाओं ने हमे देख लिया था. हो सकता है किसी ने खबर दी होगी.
सवाल : इस मुठभेड़ में कितने नक्सली मारे गए होंगे?
जवाब : मेरे हाथ में गोली लग गई थी, और मैं बेहोश हो गया था, लेकिन उससे पहले तक तकरीबन 4 से 5 नक्सली मारे गए थे. बाकि के नक्सली ट्रैक्टर में उन्हें लेकर जा रहे थे.
सवाल : क्या वहां पर हिडमा भी मौजूद था?
जवाब : हर बार जब बड़ी घटना होती है तो उसका ही नाम आता है, शायद इस बार भी वही होगा. वहां तकरीबन 150 से 200 नक्सली मौजूद थे. सभी ने हेलमेट और बुलेट प्रुफ जैकेट पहन रखे थे. ऐसे में उसे पहचानना मुश्किल है. कोई भी नक्सली पहचान में नहीं आ रहे थे.