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मानसून इफेक्ट: बारिश नहीं होने से धान बीज का नुकसान, दोबारा करनी पड़ रही रोपाई - छत्तीसगढ़ लेटेस्ट न्यूज

बीजापुर जिले में कम बारिश से खेती का काम प्रभावित हुआ है. किसानों का कहना है कि समय से बारिश नहीं होने से खेती का काम काफी लेट हो रहा है. जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.

Farming work affected due to less rain in Bijapur district
बीजापुर जिले में कम बारिश से खेती का काम हुआ प्रभावित
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Published : Jul 24, 2021, 5:16 PM IST

बीजापुर: इस साल बारिश की कमी की वजह से किसान कृषि कार्यों को लेकर चिंतित हैं. बारिश की कमी से एक ओर किसान जहां जुताई नहीं कर पा रहें हैं वहीं दूसरी ओर कुछ किसान रोपाई नहीं कर पाने की वजह से नुकसान झेल रहे हैं. धान बीज खराब हो गए है. जिससे किसानों को दोबारा रोपा करना पड़ा है.

जून से दूसरे हफ्ते में अच्छा मानसून शुरू होते ही किसानों ने अपने खेतों में रोपा डाल दिया. शुरुआत में हफ्तेभर अच्छी बारिश हुई. जिससे किसानों ने खेतों में रोपा डाल दिया. लेकिन हफ्तेभर अच्छी बारिश गिरने के बाद ठीक से बारिश नहीं हुई जिससे धान के बीज खराब हो गए. खेती पर ही निर्भर रहने वाले किसानों ने अच्छी बारिश के लिए स्थानीय ग्राम देवी पोसम्मा की पूजा कर गम्पा जात्रा भी निकाली. जिसके बाद कुछ बारिश हुई. लेकिन रोपाई के लिए जितनी बारिश की जरूरत थी उतनी नहीं हो सकी जिससे किसानों का धान बीज पूरी तरह खराब हो गया.

धान बीज का नुकसान

किसानों का कहना है कि लगभग 250 बोरी धान-बीज का उन्हें नुकसान हो गया है. जिससे एक बार फिर उन्हें धान बीज खरीदकर बोना पड़ रहा है. इलाके के किसान बताते हैं कि इस साल उनकी खेती बारिश नहीं होने के कारण 15 दिन लेट हो गई है. कृषि कार्यों जोताई व रोपाई के लिए किसान आसमान की ओर निगाह लगाएं अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

आज उत्तर-पश्चिम छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की संभावना

छत्तीसगढ़ बारिश अपडेट

राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण ने मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 1 जून से 24 जुलाई तक 471.1 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है. प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश सुकमा जिले में हुई है. 828.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. सबसे कम बालोद जिले में 340.4 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है. बीजापुर जिले में अब तक 553 मिमी औसत बारिश दर्ज हुई.

बीजापुर: इस साल बारिश की कमी की वजह से किसान कृषि कार्यों को लेकर चिंतित हैं. बारिश की कमी से एक ओर किसान जहां जुताई नहीं कर पा रहें हैं वहीं दूसरी ओर कुछ किसान रोपाई नहीं कर पाने की वजह से नुकसान झेल रहे हैं. धान बीज खराब हो गए है. जिससे किसानों को दोबारा रोपा करना पड़ा है.

जून से दूसरे हफ्ते में अच्छा मानसून शुरू होते ही किसानों ने अपने खेतों में रोपा डाल दिया. शुरुआत में हफ्तेभर अच्छी बारिश हुई. जिससे किसानों ने खेतों में रोपा डाल दिया. लेकिन हफ्तेभर अच्छी बारिश गिरने के बाद ठीक से बारिश नहीं हुई जिससे धान के बीज खराब हो गए. खेती पर ही निर्भर रहने वाले किसानों ने अच्छी बारिश के लिए स्थानीय ग्राम देवी पोसम्मा की पूजा कर गम्पा जात्रा भी निकाली. जिसके बाद कुछ बारिश हुई. लेकिन रोपाई के लिए जितनी बारिश की जरूरत थी उतनी नहीं हो सकी जिससे किसानों का धान बीज पूरी तरह खराब हो गया.

धान बीज का नुकसान

किसानों का कहना है कि लगभग 250 बोरी धान-बीज का उन्हें नुकसान हो गया है. जिससे एक बार फिर उन्हें धान बीज खरीदकर बोना पड़ रहा है. इलाके के किसान बताते हैं कि इस साल उनकी खेती बारिश नहीं होने के कारण 15 दिन लेट हो गई है. कृषि कार्यों जोताई व रोपाई के लिए किसान आसमान की ओर निगाह लगाएं अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.

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