बीजापुर: नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में एक ही विधानसभा सीट बीजापुर है. इस सीट पर 15 सालों तक भाजपा का राज रहा. लेकिन साल 2018 में कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली. कांग्रेस नेता विक्रम शाह मंडावी ने इस सीट पर भाजपा के महेश गागड़ा को भारी मतों से हरा दिया. बीजापुर सीट पर 80 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी है. यहां गोंड, मुरिया, डोलिया, हल्बा समाज के लोगों का खास दबदबा है.
2023 में कांग्रेस बीजेपी के उम्मीदवार: कांग्रेस पार्टी ने बीजापुर विधानसभा से अपने विधायक विक्रम शाह मंडावी पर फिर एक बार भरोसा जताया है. वहीं भाजपा ने 2018 में हार के बाद भी एक बार फिर महेश गागड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं हमर राज पार्टी ने बीजापुर सीट से अशोक तलांडी को टिकट दिया है. इस तरह एक बार फिर इस सीट पर विक्रम और महेश आमने सामने हैं.
बीजापुर विधानसभा क्षेत्र को जानिए: छत्तीसगढ़ की बीजापुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां 80 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोग हैं. यहां गोंड, मुरिया, डोलिया, हल्बा समाज के लोग भी रहते हैं. यहां मूलभूत समस्या ही चुनावी मुद्दा रहा है. यहां महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा है.
कितने मतदाता हैं: बीजापुर विधानसभा सीट में करीब कुल 1 लाख 69 हजार 211 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता की संख्या 81542 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 87661 है. यहां थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 8 है. यानी इस सीट पर महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा है. चुनाव में महिला वोटर्स निर्णायक की भूमिका निभाते हैं.
क्या हैं मुद्दे और समस्याएं: बीजापुर विधानसभा सीट पर लोग आज भी विकास की राह तक रहे हैं. इस क्षेत्र में चुनावी मुद्दा मूलभूल सुविधाएं और विकास है. बीजापुर के अंदरूनी क्षेत्रों में सड़क व्यवस्था न होने से लोग परेशान हैं. बारिश के दिनों में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सड़क के साथ-साथ बिजली की समस्या भी यहां बड़ा मुद्दा है. इस क्षेत्र के लोगों को बिजली का अभाव झेलना पड़ रहा है. कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे पढ़ नहीं पाते. पेयजल की समस्या अक्सर इस क्षेत्र में बनी रहती है. पेयजल के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. यहां स्वास्थ्य सुविधाओं की भी कमी है. लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंच नहीं पाती.
2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में ओवरऑल 76.35 फीसदी वोटिंग हुई. बीजापुर विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की. 15 साल के बाद भाजपा का राज खत्म हुआ और यह सीट कांग्रेस के पाले में आई. इस सीट से कांग्रेस नेता विक्रम शाह मंडावी ने 44,011 मतों से जीत हासिल की. कांग्रेस को 56 फीसदी वोट मिले. जबकि भाजपा से महेश गागड़ा को 22427 मत मिले. भाजपा को 29 फीसदी वोट ही मिल सके.
कौन तय करता है जीत और हार: बीजापुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस क्षेत्र में गोंड, मुरिया, डोलिया, हल्बा समाज के लोग ही जीत और हार का निर्णय करते हैं.