बेमेतरा: जिला पंचायत बेमेतरा को 15वें वित्त की आवंटित राशि का उपयोग नहीं करने दिए जाने से नाराज अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य भाजपाई पार्षद विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को इस विषय पर बैठक बुलाई गई थी. जिसे जिला पंचायत सीईओ ने बिना कुछ कहे स्थगित कर दिया. इससे आक्रोशित जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता साहू, उपाध्यक्ष अजय तिवारी साहित भाजपा समर्थित सदस्य अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं और शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
सदस्यों का अनिश्चितकालीन धरना जारी
जिला पंचायत बेमेतरा में केंद्र की ओर से आवंटित 15वें वित्त की राशि को प्रतिनिधियों को खर्च नहीं करने दिया जा रहा है. जिसे लेकर जिला पंचायत सदस्यों में खासी नाराजगी है. उन्होंने जिला पंचायत सीईओ (District Panchayat CEO) और कलेक्टर पर आरोप लगाया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों (local public representatives) के दबाव में आकर वे राशि निकालने नहीं दे रहे हैं.
गुरूवार को इस मुद्दे को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ने कलेक्टर ऑफिस के सामने हल्ला बोला था. जिसके बाद शुक्रवार को इस पर बैठक की जानी थी, लेकिन पंचायत सीईओ ने बिना कुछ कहे ही बैठक रद्द कर दी. जिससे नाराज जिला पंचायत सदस्यों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है और जिला पंचायत कार्यालय के सामने ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. इस दौरान जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है. रात को सदस्यों ने जिला पंचायत के बाहर ही खाना खाया.
बेमेतरा में 15वें वित्त आयोग की राशि के बंटवारे पर बवाल, जिला पंचायत सदस्यों का हल्ला बोल
आखिर क्या है पूरा मामला
बेमेतरा जिला पंचायत में 15वें वित्त की राशि का जिला पंचायत सदस्यों को उपयोग करने नहीं दिया जा रहा है और न ही उनके प्रस्ताव को आगे रखा जा रहा है. जिसे लेकर सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है. शासन के दबाव में आकर राशि खर्च नहीं करने देने का आरोप लगाकर सदस्य अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
जिला पंचायत सदस्यों ने मुख्यमंत्री से किए सवाल
इस संबंध में जिला पंचायत सभापति राहुल टिकरिहा (District Panchayat President Rahul Tikriha) ने कहा कि केंद्र से आने वाली राशि अधिकारी हमें नहीं दे रहे हैं. जिससे नाराज राहुल टिकरिहा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief minister Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य एवं पंचायत ग्रामीण मंत्री टीएस सिंहदेव (Health and Panchayat Rural Minister TS Singhdeo) से सवाल किया है कि पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन करना कहां तक उचित है? क्या यही राज्य सरकार का नवा छत्तीसगढ़ है.