बेमेतरा: छत्तीसगढ़ सरकार ने धान संग्रहण केंद्रों में डंप धान को नीलाम करने के आदेश दिए थे. बेमेतरा जिला में कुल 2 लाख 10 हजार 115 मीट्रिक टन धान की नीलामी करनी थी. लेकिन अब तक सिर्फ 5 हजार 960 मीट्रिक टन धान की नीलामी हो पाई है. परिवहन की समस्या से अब तक छुटकारा नहीं मिल पाया है. अब भी नीलामी किए गए धान में से 282 टन धान का उठाव नहीं हो पाया है.
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच धान खरीदी के बाद धान के उठाव और मिलिंग को लेकर तकरार जारी है. इस बीच प्रदेश सरकार ने सेवा सहकारी समितियों और संग्रहण केंद्रों में बचे हुए धान को मिलान करने का आदेश दिया था. जिसके तहत विभिन्न स्थानों के व्यापारियों ने धान को 1100 से लेकर 1300 के भाव में लेना शुरू कर दिया. जिसके बाद भी अब तक पूरे धान की नीलामी नहीं हो सकी है. बेमेतरा जिला में 2 लाख 10 हजार 115 मीट्रिक टन धान के नीलामी करने के निर्देश मिले थे. जिसमें अब तक केवल 5 हजार 960 मीट्रिक टन धान की नीलामी हो सकी है. उपार्जन केंद्रों में रखे हजारों क्विंटल धान पर बेमौसम बारिश का खतरा मंडरा रहा है.
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बेमौसम बारिश का खतरा
जिले के धान संग्रहण केंद्र सरदा सहित विभिन्न धान उपार्जन केंद्र और सेवा सहकारी समितियों में अब भी हजारों मीट्रिक टन धान डंप पर पड़ा हुआ है. धान खुले में रखा हुआ है. ये धान कभी भी बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ सकता है. वहीं सरकार ने नीलामी प्रक्रिया अपनाते हुए डंप धान को निकालने की तैयारी की थी. जो पूरी तरीके से फिसड्डी नजर आ रहा है. 2000 से 2500 रुपये के धान को 1100 से 1300 रुपये के बीच भी लेने के लिए व्यापारी तैयार नहीं हो रहे हैं.